Quick Fact Check: कुष्ठ आश्रम में पड़ी रोटियों के इस वीडियो को फिर से सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह वीडियो मेरठ के एक कुष्ठ आश्रम का है जिसका किसी विशेष समुदाय से कोई तालुक नहीं है। इस वीडियो के साथ सांप्रदायिक एंगल जोड़ना गलत है
- By: Pallavi Mishra
- Published: Jun 25, 2020 at 05:32 PM
- Updated: Aug 30, 2020 at 09:38 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आज कल फिर से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक कमरे में पड़ी बहुत-सी रोटियों को देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर यह दावा कर रहे हैं कि कोविड 19 के चलते लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बांटी जा रही रोटियों को एक मुस्लिम परिवार ने जमा करके बर्बाद कर दिया, ताकि कोई और इन्हें न खा पाए। विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पहले भी पड़ताल की थी। उस समय अपनी पड़ताल में हमने पाया था कि यह दावा गलत है। असल में यह वीडियो मेरठ के एक कुष्ठ आश्रम का है, जिसका किसी विशेष समुदाय से कोई तालुक नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल?
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति कमरे में घुसता है और ज़मीन पर पड़ी सूखी हुई रोटियां और पूड़ियां दिखती हैं। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “#कैसीकौमहै_ये ???? ये देखो शांतिदूतों द्वारा क्या हो रहा है, खाना लूटो और उसे खराब कर दो …किसी गरीब को खाना ना पहुँचने दो, ताकि सरकार बदनाम हो और गरीब भूखा मरे ! सबसे निवेदन है, इनको खाने पीने का सामान ना दें।”
इस पोस्ट का फेसबुक लिंक और आर्काइव लिंक यहां है।
पड़ताल
वीडियो की पड़ताल के लिए हमने इसे ठीक से देखा था। वीडियो की शुरुआत में व्यक्ति बोलता है “यह एक कुष्ठ आश्रम है जहाँ हम सभी अभी-अभी आये और देखा कि यहाँ अन्न की क्या स्थिति है…….. ”
इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने जागरण के मेरठ ब्यूरो हेड रवि प्रकाश से बात की। उन्होंने हमें बताया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति का नाम नवनीत है और वे एक सोशल वर्कर हैं। हमने रवि से नवनीत बालाजी का फ़ोन नंबर लिया और उनसे इस वीडियो पर पुष्टि मांगी। उन्होंने हमें बताया, “यह वीडियो मैंने 8 अप्रैल को मेरठ-दिल्ली रोड पर स्थित होटल मुकुंद महल के पीछे वाले कुष्ठ आश्रम में बनाया था। मैं एक समाजसेवी हूं और मुझे पता चला था कि इस आश्रम में लोगों को लॉकडाउन के दौरान खाने की किल्लत है। ऐसे में जब मैं आश्रम यह जानने पहुंचा कि उन्हें कितने लोगों का खाना चाहिए, मेरे एक सहियोगी ने मुझे बताया कि एक कमरे में उन्होंने बहुत-सी पूड़ियां और रोटियां ज़मीन पर पड़ी देखी हैं। जब हमने कमरे का दरवाज़ा खुलवाया तो वहां सूखी पूड़ियों और रोटियों का अम्बार लगा था। असल में बहुत से लोगों ने आश्रम में इकट्ठा खाना भेज दिया था, जिसे आश्रम एडमिन ने वापस करने की बजाय इस कमरे में भर दिया था। यह आश्रम कुष्ठ रोगियों के लिए है। इस वीडियो के साथ सांप्रदायिक एंगल जोड़ना गलत है।”
इस वीडियो को गलत क्लेम के साथ कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है ‘Kanchan Kumar’ नाम का एक फेसबुक यूजर। इस यूजर के प्रोफाइल के अनुसार, ये हिमाचल के बिलासपुर का रहने वाला है और इसके फेसबुक पर कुल 3,103 फ़ॉलोअर्स हैं।
विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पहले भी पड़ताल की थी। इस पूरी पड़ताल तो यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह वीडियो मेरठ के एक कुष्ठ आश्रम का है जिसका किसी विशेष समुदाय से कोई तालुक नहीं है। इस वीडियो के साथ सांप्रदायिक एंगल जोड़ना गलत है
- Claim Review : कौन_सी_कौम_है_ये ???? ये देखो क्या हो रहा है, खाना लूटो और उसे खराब कर दो, किसी गरीब को खाना ना पहुँचने दो, ताकि सरकार बदनाम हो और गरीब भूखा मरे ।
- Claimed By : Kanchan Kumar
- Fact Check : झूठ
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