पश्चिम बंगाल के नोआखली में दंगाइयों के दुर्गा पूजा पंडालों को तहस नहस किए जाने की घटना के वीडियो को बंगाल का बताकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में हिंसक और उपद्रवी भीड़ को दुर्गा पूजा के एक पंडाल में तोड़फोड़ करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह घटना पश्चिम बंगाल में हुई घटना से संबंधित है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुर्गा पूजा के पंडाल को तहस-नहस कर दिया।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत साबित हुआ। वायरल हो रहा वीडियो बांग्लादेश का है, जहां कई दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाते हुए उनमें तोड़फोड़ की गई। इन्हीं घटनाओं से एक के वीडियो को बंगाल से जोड़कर सांप्रदायिक वैमनस्यता फैलाने के इरादे से वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘कृष्णा एक योद्धा’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”सेक्युलरों के प्रिय भाई चारा चरते हुवे 😡😡 बंगाल नोवा खाली में जिहा दी यो द्वारा माता की मुर्ति तोड़कर पंडाल को तहस नहस कर दिया गया।”
एक अन्य यूजर ‘पुष्पा सिंह’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”कल बंगाल में दुर्गा पूजा के पंडाल को तहस नहस करते शांति दूत । इन सूगरों की औलादों को समाजबादी पार्टी उत्तरप्रदेश में औऱ ममता बनर्जी बंगाल में इतना बढ़ावा दे दिए है ही ये आलम है ।
मुलायम सिंह यादव और ममताबनर्जी को हिन्दू कभी भी माफ नहीं करेगा ।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को बंगाल का बताते हुए शेयर किया है।
हाल ही में संपन्न हुए दुर्गा पूजा के दौरान अगर बंगाल में पंडालों को तोड़े जाने की कोई घटना हुई होती तो यह एक बड़ी खबर होती। हालांकि, हमें न्यूज सर्च के दौरान ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान ऐसी किसी घटना का जिक्र किया गया हो।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स जरूरी मिली, जिसके मुताबिक बांग्लादश में दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों को नुकसान पहुंचाए जाने का जिक्र था। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 14 अक्टूबर 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बांग्लादेश के कई इलाकों में दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले किए गए और इस दौरान सबसे ज्यादा हमले कमिला जिले में हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक कथित तौर पर एक पूजा स्थल पर कुरान के अपमान के बाद यह हिंसा हुई थी। बताया गया कि चांदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली, चपैनवाबगंज और काक्स बाजार के पेकुआ में हुई हिंसा में मंदिरों में हमले किए गए।’
के मुताबिक, ‘बांग्लादेश के कई इलाकों में दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले किए गए और इस दौरान सबसे ज्यादा हमले कमिला जिले में हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक कथित तौर पर एक पूजा स्थल पर कुरान के अपमान के बाद यह हिंसा हुई थी। बताया गया कि चांदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली, चपैनवाबगंज और काक्स बाजार के पेकुआ में हुई हिंसा में मंदिरों में हमले किए गए।’
सोशल मीडिया सर्च में हमें ‘Bangladesh Hindu Unity Council’ के वेरिफाइड पेज पर 15 अक्टूबर को शेयर किया गया एक वीडियो मिला। यह वही वीडियो है, जो वायरल पोस्ट में शामिल है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो बंगाल के नोआखली में दुर्गा पूजा पंडाल पर किए गए हमले का वीडियो है। इस्कॉन कोलकाता के वाइस प्रेसिडेंट और प्रवक्ता राधारमन दास ने भी अपनी प्रोफाइल से इस वीडियो को ट्वीट करते हुए इसे बांग्लादेश के नोआखली का बताया है।
वायरल हो रहे वीडियो को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के पश्चिम बंगाल के ब्यूरो चीफ जे के वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘यह वीडियो बंगाल में हुई किसी घटना से संबंधित नहीं है। बांग्लादेश में ऐसी कई घटनाएं सामने आई है, जहां कई इलाकों में दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाया गया।’
वायरल हो रहे वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को वाराणसी का रहने वाला बताया है। यह प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित नजर आता है।
इससे पहले ऐसे ही एक वीडियो को उत्तर प्रदेश में दुर्गा पूजा पंडाल में की गई तोड़फोड़ का बताकर वायरल किया गया था। हमने अपनी जांच में यह पाया था कि वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में छत्तीसगढ़ में हुई घटना से संबंधित था, जिसे सांप्रदायिक रंग देकर उत्तर प्रदेश के नाम से वायरल किया जा रहा था।
निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल के नोआखली में दंगाइयों के दुर्गा पूजा पंडालों को तहस-नहस किए जाने की घटना के वीडियो को बंगाल का बताकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
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