Fact Check : दिल्‍ली के जहांगीरपुरी में हुई पिटाई के वीडियो का गाजियाबाद केस से नहीं है कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। दिल्ली में युवकों की मारपीट से गाजियाबाद केस का कोई संबंध नहीं है।

Fact Check : दिल्‍ली के जहांगीरपुरी में हुई पिटाई के वीडियो का गाजियाबाद केस से नहीं है कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। दिल्‍ली से सटे गाजियाबाद के लोनी में पांच जून को एक बुजुर्ग मुस्लिम के साथ हुई मारपीट और दाढ़ी काटने की घटना के बाद अब एक और वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें भीड़ को कुछ युवकों की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को यूट्यूब, फेसबुक, वॉट्सऐप और ट्विटर पर वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि दाढ़ी काटने वाले युवकों की भीड़ ने पिटाई कर दी।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। दिल्‍ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई पिटाई की एक घटना को कुछ लोग जानबूझकर गाजियाबाद की घटना से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी साबित हुआ।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सूफियान चौधरी ने 16 जून को एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया : ‘भाइयों देख लो दाढ़ी काटने का अंजाम 4 आरोपियों में से एक आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया था बाकी तीन आरोपियों को जनता ने खुद ही सजा दी है. दिल खुश कर दिये भाई आप लोग.’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

सबसे पहले हमें यह जानना था कि दाढ़ी काटने की घटना कब और कहां हुई। गूगल सर्च से हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि गाजियाबाद के लोनी में अब्‍दुल समद नाम के एक मुस्लिम बुजुर्ग के साथ पांच जून को मारपीट करते हुए दाढ़ी काटने का मामला सामने आया था। इस केस में पुलिस ने कई आरोपियों को पकड़ लिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। इसमें वायरल वीडियो को अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाले गए। फिर इन्‍हें रिवर्स इमेज टूल की मदद से सर्च किया। खोज के दौरान हमें कई न्‍यूज चैनलों के यूट्यूब चैनलों पर वायरल वीडियो से जुड़ी खबर नजर आई। न्‍यूज नेशन नाम के चैनल ने भी 13 जून को अपने यूट्यूब चैनल पर इससे जुड़ी खबर चलाई थी। खबर में बताया गया कि दिल्‍ली के जहांगीपुरी इलाके में उगाही करने आए तीन युवकों को भीड़ ने घेरकर पीटा। पूरी खबर नीचे देखें।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने गूगल सर्च की मदद ली। संबंधित कीवर्ड टाइप करके सर्च करने में हमें वायरल पोस्‍ट से जुड़ी एक खबर हमें एनडीटीवी की वेबसाइट पर भी मिली। यह खबर 13 जून 2021 को पब्लिश की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, गाजियाबाद के संवाददाता धनंजय से बात की। उन्‍होंने बताया कि गाजियाबाद केस के आरोपी जेल में हैं। वायरल वीडियो का गाजियाबाद की घटना से कोई संबंध नहीं है।

जांच के अंतिम चरण में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि यूजर
महाराष्‍ट्र के मुंबई में रहता है। इस अकाउंट को दिसंबर 2019 में बनाया गया। सूफियान चौधरी को फेसबुक पर तीन हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। दिल्ली में युवकों की मारपीट से गाजियाबाद केस का कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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