Fact Check: बिहार में मुहर्रम जुलूस के दौरान मुस्लिम भीड़ के हिंदुओं पर हमले का दावा गलत, सांप्रदायिक रंग देकर वीडियो को किया जा रहा वायरल

बिहार में मुहर्रम जुलूस के दौरान मुस्लिम भीड़ के हिंदुओं पर हमले का दावा गलत है। झड़प के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक वाहन पर हमला करती हुई भीड़ को देखा जा सकता है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कटिहार में मुहर्रम का मातम मना रही भीड़ ने इलाज करा वापस लौट रहे हिंदू परिवार पर हमला किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। हमने अपनी जांच में पाया कि कटिहार जिले के कोढ़ा थाना क्षेत्र में घटित घटना के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Indian Youva Shakti’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”कटिहार — #मोहर्रम में दिखा मुसलमानों का तांडव हिंदू अब* कहीं भी सुरक्षित नहीं*
पूर्णिया से इलाज करवा लौट रहे हिंदू परिवार पर हुआ हमला। बीमार के साथ परिजन स्कॉर्पियो से लौट रहे थे, इसी दौरान मोहरम जुलूस में शामिल लोगों के द्वारा स्कॉर्पियो पर किया गया हमला। स्कॉर्पियो छतिग्रस्त। कई लोग जख्मी। घटना कोढ़ा थाना क्षेत्र के मूसापुर के निकट की है।”

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

”कटिहार मुहर्रम” की-वर्ड्स के साथ सर्च करने पर हमें प्रभात खबर की वेबसाइट पर 21 अगस्त 2021 को प्रकाशित खबर मिली, जिसमें इस घटना का विवरण दिया गया है। खबर में लगी तस्वीर वायरल वीडियो का ही स्क्रीन शॉट है।


प्रभात खबर की वेबसाइट पर 21 अगस्त 2021 को प्रकाशित खबर

खबर के मुताबिक, ‘कटिहार जिला के कोढ़ा थाना क्षेत्र के मूसापुर राष्ट्रीय राज मार्ग 31 पर मुहर्रम के विसर्जन के दौरान अज्ञात लोगों ने सड़क पर जा रही स्कार्पियो गाड़ी पर हमला कर दिया. जिसमें चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये एवं गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गयी.’

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘घटना में अमीना खातून उम्र 50 वर्ष, तबस्सुम खातून उम्र 32 वर्ष, फरजाना खातून उम्र 6 वर्ष, वसीम उम्र 30 वर्ष घायल हुए हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि मुहर्रम जुलूस पर रोक के बावजूद जुलूस निकाला गया और भारी संख्या में लोग शामिल हुए.’

भास्कर डॉट कॉम की वेबसाइट पर 21 अगस्त को ‘मोहर्रम का शोक मनाती भीड़ ने गाड़ी में की तोड़फोड़:कटिहार में इलाज कराकर लौट रहा मुस्लिम परिवार फंसा जुलूस में, लोगों ने गाड़ी पर लाठी-डंडे से किया हमला, नकद और मोबाइल भी लूटे’ हेडलाइन से प्रकाशित रिपोर्ट से उपरोक्त रिपोर्ट में लिखित दावे की पुष्टि होती है।

भास्कर डॉट कॉम की वेबसाइट पर 21 अगस्त को प्रकाशित रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कटिहार के कोढ़ा थाना क्षेत्र के मूसापुर के पास NH-31 पर मोहर्रम के जुलूस में शामिल बदमाशों ने स्कॉर्पियो सवार मुस्लिम परिवार पर लाठी-डंडे से हमला कर दिया। साथ ही गाड़ी में सवार लोगों से नकद और मोबाइल भी लूट लिया। बताया जा रहा है कि स्कॉर्पियो सवार मां-बेटा पूर्णिया से लौट रहे थे। भीड़ इतनी उग्र थी कि डर के मारे वह गाड़ी में ही बैठे रहे, किसी तरह जान बच जाने की प्रार्थना करते रहे। डूमर निवासी मोहम्मद मसूद आलम ने बताया- ‘मां का इलाज करा कर पूर्णिया से घर लौट रहा था। इस दौरान मूसापुर चौक के समीप NH-31 पर ही मोहर्रम का जुलूस था। इसमें शामिल लोगों ने स्कॉर्पियो पर लाठी बरसानी शुरू कर दी। इस दौरान भाई से 7000 रुपए नकद और मेरा मोबाइल भी छीन लिया।’ इस घटना में मसूद की मां सहित उनके तीन अन्य परिजन भी घायल हो गए, जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोढ़ा में भर्ती कराया गया।’

अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि कटिहार के कोढ़ा थाना क्षेत्र में मुहर्रम के जुलूस के दौरान हुई घटना के पीड़ित मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, न कि हिंदू परिवार से, जैसा कि वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है।

इस मामले को लेकर विश्वास न्यूज ने कटिहार के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार से संपर्क किया। कुमार ने बताया, ‘मुहर्रम के जुलूस के दौरान घटी इस घटना में कहीं से भी हिंदू-मुस्लिम का कोई एंगल नहीं था। जो परिवार इस घटना में घायल हुआ, वह भी मुस्लिम समुदाय से ही हैं।’ कुमार ने बताया, ‘इस मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज करते हुए 63 लोगों को नामजद किया है, जिसमें से 28 को लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।’ उन्होंने कहा कि एक एफआईआर आरोपी परिवार की शिकायत पर दर्ज की गई है, जबकि दूसरी एफआईआर कटिहार के बीडीओ की शिकायत पर दर्ज की गई है, क्योंकि मुहर्रम का जुलूस निकालने की मंजूरी नहीं थी, इसके बावजूद ऐसा किया गया।

वायरल वीडियो को शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर दो सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: बिहार के कटिहार जिले में मुहर्रम के जुलूस के दौरान हुई मारपीट की घटना के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर मुस्लिम भीड़ द्वारा हिंदुओं पर हमले के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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