Fact Check : एक ही समुदाय के दो गुटों की भिड़ंत का वीडियो अब कानपुर हिंसा के नाम पर वायरल
विश्वास न्यूज की पड़ताल में कानपुर के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी निकली। वायरल वीडियो मई 2021 का है। उस वक्त बरेली के भोजीपुर थाना क्षेत्र में एक ही समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए थे। इस वीडियो का कानपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Jun 13, 2022 at 12:43 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में 15 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को हथियारों के साथ देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को यूपी के कानपुर में पिछले दिनों हुई हिंसा से जोड़ते हुए एक समुदाय विशेष पर निशाना साध रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी निकली। दरअसल जिस वीडियो को कानपुर का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह मई 2021 का है। बरेली के एक कस्बे में एक ही समुदाय के दो गुट मांस की खरीदी और बिक्री को लेकर आपस में भिड़ गए थे। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को जेल भी भेज दिया था। वायरल वीडियो का कानपुर की वर्तमान हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक पेज ओनली हिंदू हिंदू ने 12 जून को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा : ‘आदरणीय @myogiadityanath
@Uppolice @KanpurPolice यहाँ तो सीधे सीधे आतंकवादी फायर कर रहें है पुलिस के आंसू गैस का जवाब अवैध हथियारों से दिया जा रहा है इसकी उच्च स्तरीय जांच कर उचित कार्यवाही करें!’
वायरल वीडियो को दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। फेसबुक के अलावा यह वीडियो ट्विटर और यूट्यूब पर भी वायरल है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के तह में जाने के लिए शुरुआत कमेंट बॉक्स से की। राज पांडेय नाम के एक यूजर ने वीडियो कानपुर से जोड़कर पोस्ट किया। मौजूद पोस्ट के कमेंट में एक यूजर ने इसकी सच्चाई बताते हुए इसे बरेली के धौरा टांडा का पुराना वीडियो बताया। इसमें बताया गया कि 9 मई 2021 को लॉकडाउन के दौरान मीट की खरीदी को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए थे। दोनों मुस्लिम समुदाय के लोग थे।
पोस्ट में अमर उजाला अखबार की एक कटिंग भी यूज की गई। इसमें बताया गया था कि बरेली में लॉकडाउन के बीच एक ही समुदाय के दो पक्षों में विवाद हो गया। मारपीट के दौरान एक पक्ष ने बंदूकें और तमंचे लाकर फायरिंग कर दी। पुलिस के अनुसार, मांस खरीदने को लेकर यह बवाल हुआ था। घटना थाना भोजीपुरा के कस्बा धौराटांडा की थी।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए बरेली पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया। बरेली पुलिस के ट्विटर हैंडल पर हमें एक ट्वीट मिला। इसमें वायरल वीडियो की सच्चाई को लेकर बताया गया कि 9 मई 2021 को थाना भोजीपुरा क्षेत्र के धौरा टांडा में एक ही समुदाय के दो पक्षों में मांस खरीदने को लेकर हुई मारपीट में पूर्व में वैधानिक कार्यवाही की जा चुकी है।
बरेली के एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने वायरल वीडियो की सच्चाई बताते हुए कहा कि यह वीडियो 9 मई 2021 का है। इसमें एक ही समुदाय के दो पक्षों में मांस खरीदने व बेचने को लेकर मारपीट की गई थी। वीडियो भोजीपुरा से संबंधित है। जिसे लेकर केस दर्ज करके आरोपियों को जेल भेजा गया था। बिना जांचे या परखे ऐसे वीडियो को वायरल न करें। वरना ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पड़ताल के अंत में फेसबुक पेज ओनली हिंदू की सोशल स्कैनिंग की गई। पेज को पांच हजार से ज्यादा लोग लाइक करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में कानपुर के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी निकली। वायरल वीडियो मई 2021 का है। उस वक्त बरेली के भोजीपुर थाना क्षेत्र में एक ही समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए थे। इस वीडियो का कानपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
- Claim Review : कानपुर हिंसा का वीडियो
- Claimed By : फेसबुक पेज ओनली हिंदू हिंदू
- Fact Check : भ्रामक
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