विश्वास न्यूज ने स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम से वायरल वीडियो की जांच की और पाया वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मारपीट नहीं हुई थी। वायरल वीडियो उनके समर्थकों के बीच हुई झड़प का है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर सपा प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग मारपीट करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य लखनऊ के मलिहाबाद में आयोजित जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन गुस्साए लोगों ने उन्हें मंच पर ही पीट दिया और वो मंच से नीचे गिर गए। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मारपीट नहीं हुई थी। वायरल वीडियो उनके समर्थकों के बीच हुई झड़प का है।
फेसबुक यूजर Vivek Madhesiya ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि मलीहाबाद में स्वामी प्रसाद मौर्य को लोगो ने स्टेज पर चढ़कर लात घूसों से पीटा।
यूजर द्वारा शेयर की गई पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आकाईव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है। एक अन्य ट्विटर यूजर Ghanshyam Gorakhpuri ने भी ऐसे ही मिलते-जुलते दावे को अपने अकाउंट पर शेयर किया है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट लाइव हिन्दुस्तान के आधिकारिक चैनल पर 21 फरवरी 2022 को अपलोड मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य मलिहाबाद से सपा प्रत्याशी सोनू कनौजिया के लिए प्रचार करने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान दो सपा कार्यकर्ताओं में किसी बात को लेकर मारपीट शुरू हो गई। रिपोर्ट में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि कार्यक्रम के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मारपीट हुई।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 19 फरवरी 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य का भाषण खत्म होने पर सपा प्रत्याशी सोनू कनौजिया और पूर्व प्रत्याशी राजबाला रावत उन्हें माला पहना रहे थे। तभी मंच पर मौजूद नगर पंचायत चेयरमैन अहसन अजीज खान और पूर्व मंत्री इंसराम अली के समर्थकों के बीच कहासुनी होने लगी। धीरे-धीरे बात हाथापाई तक पहुंच गई। मंच पर मौजूद अन्य लोगों के बीच-बचाव के बाद उन्हें शांत कराया गया। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, जनसभा के खत्म होने के बाद दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण लखनऊ के विशेष संवाददाता शोभित श्रीवास्तव से संपर्क किया। हमने वायरल तस्वीर को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह 5-6 दिन पहले का वीडियो है। कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ नहीं, बल्कि सभा में मौजूद सपा के दो समर्थकों के बीच हाथपाई हुई थी।
पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने स्वामी प्रसाद मौर्य के पीए मनोज मानव से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। उनके साथ किसी भी तरह की मारपीट नहीं की गई है। सभा में किसी कारणवश दो समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी, जिसे बाद में संभाल लिया गया था। विपक्षी पार्टियों द्वारा गलत तरीके से स्वामी प्रसाद मौर्य की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।
पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Vivek Madhesiya के अकाउंट की स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर को फेसबुक पर तीन सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पर Vivek Madhesiya मार्च 2011 से सक्रिय हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम से वायरल वीडियो की जांच की और पाया वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मारपीट नहीं हुई थी। वायरल वीडियो उनके समर्थकों के बीच हुई झड़प का है।
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