Fact check : मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करती आशा कार्यकर्ताओं के पुराने वीडियो को हाल का बताकर किया जा रहा वायरल

साल 2018 में आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन में बढ़ोतरी को लेकर सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसे अब भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। 

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। मध्य प्रदेश में कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरें और वीडियो भ्रामक दावों के साथ एक बार फिर से वायरल होने लगे हैं। अब एमपी में विरोध प्रदर्शन करती और सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नारे लगाती कुछ महिलाओं का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हाल का बताते हुए सोशल मीडिया पर यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है। साल 2018 में आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन में बढ़ोतरी को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसे अब भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘ठग ऑफ एमपी’ ने 29 मई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “जन-जन का नारा है- शिवराज मामा नहीं कसाई है, कंस का जुड़वा भाई है।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को गौर से देखा। हमने पाया कि वीडियो पर एमपी तक का लोगो लगा हुआ है। इसी आधार पर हमने एमपी तक के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें यह वीडियो ‘एमपी तक’ के आधिकारिक फेसबुक पर 5 अक्टूबर 2018 को अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के मुताबिक, सतना में आशा कार्यकर्ताओं ने सीएम शिवराज सिंह चौहान की अर्थी निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया था। हमें यह वीडियो उनके यूट्यूब चैनल पर भी मिला।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें इससे जुड़ी एक खबर टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 3 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन को लेकर मध्य प्रदेश के कई शहरों मे प्रदर्शन किया था। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर के बाहर भी प्रदर्शन किया था।

अन्य रिपोर्ट्स को यहां पर पढ़ा जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने सतना के जिला प्रभारी श्याम मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल वीडियो हाल-फिलहाल के प्रदर्शन का नहीं है, बल्कि साल 2018 का है। जब आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि उनका वेतन इतना  नहीं है कि वो अपना घर चला सकें ।

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के पेज को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर को 130,086 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सीएम शिवराज के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करती महिलाओं का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है। साल 2018 में आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन में बढ़ोतरी को लेकर सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसे अब भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। 

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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