नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के फेसबुक प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग राहुल गाँधी को घेरे खड़े हैं और रो रहे हैं और इस वीडियो में यह दावा किया जा रहा है, “अमेठी से दिल्ली आए लोगों से मिलने जब राहुल गांधी जी पहुंचे .. तब वे लोग उन्हें देखकर भावुक हो गए और फूट-फूट कर रोने लगे …झूठ और छल-कपट की विचारधारा के चलते अमेठी से चुनाव हारे हैं, प्यार और अपनापन नहीं।” विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो 2017 का हैं। उस वक्त रायबरेली में हुए एन.टी.पी.सी. बॉयलर ब्लास्ट हुआ था और यह सभी पीड़ित परिवार के लोग थे |
फेसबुक पेज प्रियंका गांधी यूथ ब्रिगेड पर 28 मई को एक वीडियो क्लिप अपलोड होती है , जिसके डिस्क्रिशन में लिखा जाता है, “अमेठी से दिल्ली आए लोगों से मिलने जब राहुल गांधी जी पहुंचे .. तब वे लोग उन्हें देखकर भावुक हो गए और फूट-फूट कर रोने लगे …झूठ और छल-कपट की विचारधारा के चलते अमेठी से चुनाव हारे हैं, प्यार और अपनापन नहीं।” और यह दावा किया जा रहा है कि राहुल गाँधी की हर के बाद ये लोग दिल्ली पहुंचे और राहुल गाँधी की हार पर उनसे मिलकर रोने लगे।
सबसे पहले विश्वास टीम ने इस वीडियो का स्क्रीनशॉट लेकर रिवर्स इमेज सर्च किया तो यह तथ्य सामने निकलकर आया कि यह वीडियो 2017 में रिकॉर्ड हुआ है| तस्वीर का एक लिंक भी हमारे हाथ लगा जो इसके समान वीडियो था और भारतीय कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तारीख नवंबर 2, 2017 को शेयर किया गया था इस वीडियो में कांग्रेस ने हेडलाइन में लिखा था, “कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी #NTPC मुख्यालय में ब्लास्ट पीड़ितों से और उनके परिवारवालों से मिल रहे हैं #NTPCविस्फोट” |
हमने फिर गूगल पर सटीक की वर्ड “NTPC विस्फोट”, NTPC ब्लास्ट ” लगाकर इस वीडियो को तलाशना शुरू किया, हमारे आगे तमाम खबरों के लिंक खुलने लगे जिसमे इससे सम्बंधित रिपोर्ट्स और आर्टिकल शामिल थे |
यह जानना ज़रूरी था कि यह असल खबर थी क्या ? करीब दो साल पहले राहुल गाँधी रायबरेली में बॉयलर ब्लास्ट पीड़ितों के परिवारवालों से मिलने गए थे उस समय का एक वीडियो फ़ेसबुक पर ग़लत सन्दर्भ के साथ लगातार वायरल हो रहा है |
इस वीडियो में क्या दिख रहा है ?
हमने इस वीडियो को फ्रेम दर फ्रेम देखना शुरू किया, राहुल गाँधी एक बुज़ुर्ग महिला को गले लगाते हैं और बाकी परेशान परिवारजनों से चारो तरफ से घिरे हुए दिख रहे हैं| जानकारी हेतु आपको बता दें कि रायबरेली से सोनिया गाँधी लोकसभा चुनाव लड़ती आईं है और इस बार भी उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की है|इस बार के लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी दो लोक सभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे थे| अमेठी में राहुल गांधी अपने परिवार की पारंपरिक सीट से स्मृति ईरानी से हार गए। वहीं, वायनाड (केरल) से वे रिकॉर्ड वोटों से जीते है और इस वीडियो में दिख रहे लोग वर्ष 2017 में रायबरेली में हुए एन.टी.पी.सी. बॉयलर ब्लास्ट में आहत हुए लोगो के परिवारजन हैं जो राहुल गाँधी से मिल कर अपने दुःख-दर्द बयां कर रहे हैं। गौरतलब है कि अपनी गुजरात यात्रा को बीच में छोड़कर राहुल गाँधी इस हादसे के शिकार लोगों के परिवारजनों से मिलने पहुंचे थे |
हमें ANI का भी एक ट्वीट मिला जिसमें इस यात्रा की बात को लिखा गया और इस तस्वीर को लगाया गया|जब भी ऐसी खबरें आती हैं तो उनको बड़े स्तर पर कवरेज मिलती है, इसको हमने दो तरह से परखा पहला हेडलाइन के आधार पर और दूसरा वीडियो के पब्लिश और ऑन एयर होने के आधार पर |
जो हेडलाइन में लिखा था- ऐसा न्यूज किसी भी अख़बार और टेलीविज़न चैनल्स की फुटेज में नहीं मिली और कवर हुई, जिस वीडियो का इस्तेमाल किया गया वह 2017 में 1 नवंबर का है | उस दिन रायबरेली में एन.टी.पी.सी. बॉयलर ब्लास्ट त्रासदी हुई थी और उसी विज़ुअल्स का इस्तेमाल किया गया |
नवंबर 1, 2017 की रात में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन रायबरेली में विस्फोट हुआ था जिसके कारण 26 लोगों की मौत हुई थी और करीब 200 लोग घायल हुए थे और यूट्यूब पर तमाम राष्ट्रीय हिंदी अंग्रेजी चैनल्स के शो इससे सम्बंधित मिल गए जिसमें राहुल गाँधी के दौरे से लेकर पीड़ित परिवार की सारी कवरेज थी |
अब हमें यह जानना था कि इस वीडियो को अपने पेज के माध्यम से वायरल करने वाले पेज की हक़ीक़त क्या हैं? हमने Stalkscan टूल की मदद से यह काम हमने किया। यह पेज फरवरी 20, 2019 बनाया गया , 2,907 लोग इसको लाइक और 2,990 को फॉलो करते है |
निष्कर्ष : वीडियो में दिख रहे लोग अमेठी से दिल्ली नहीं आए थे और ना ही राहुल गाँधी की हार से परेशान होकर रो रहे थे, 2017 के वीडियो को वायरल किया जा रहा है गलत प्रसंग के साथ | यह एन.टी.पी.सी. बॉयलर ब्लास्ट में आहत हुए लोगो के परिवारजन हैं जो राहुल गाँधी से मिल कर अपने दुःख को व्यक्त कर रहे है |
पूरा सच जानें…
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