Fact Check: दो अलग अलग घटनाओं के वीडियो को जोड़कर साम्प्रदायिक दावे से किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और सांप्रदायिक उन्माद भड़काने वाला साबित हुआ। वायरल हो रहा वीडियो दो अलग-अलग वीडियोज को जोड़कर बनाया गया है। दोनों मामलों में कोई सम्बन्ध नहीं है।

Fact Check: दो अलग अलग घटनाओं के वीडियो को जोड़कर साम्प्रदायिक दावे से किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर किया जा रहा है, जिसमें पहले तो एक भीड़ को एक व्यक्ति के साथ मारपीट करते और वीडियो के अंतिम हिस्से में एक व्यक्ति की दरिंदगी से हत्या करते हुए दिखाया गया है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जिस व्यक्ति के साथ मारपीट की गयी थी, उसी व्यक्ति की ऐसे हत्या कर दी गयी। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और सांप्रदायिक उन्माद भड़काने वाला साबित हुआ। वायरल हो रहा वीडियो दो अलग-अलग वीडियोज को जोड़कर बनाया गया है। दोनों मामलों में कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल वीडियो में?

विश्वास न्यूज़ को अपने चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 यह वीडियो फैक्ट चेक करने के लिए मिला। वीडियो के पहले हिस्से में भीड़ को एक व्यक्ति के साथ मारपीट करते दिखाया गया है और वीडियो के अंतिम हिस्से में एक व्यक्ति की दरिंदगी से हत्या करते हुए दिखाया गया है।

पड़ताल

इस वीडियो की पड़ताल के लिए हमने इस वीडियो को इनविड पर डाला और इस वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें इस वीडियो का पहला हिस्सा राष्ट्रवादी बृजेश यादव @Brijeshyadav945 नाम के एक ट्विटर हैंडल द्वारा 5 मई, 2021 को अपलोडेड मिला। वीडियो में वहां तक का हिस्सा था, जहाँ तक इस व्यक्ति को घर के अंदर ले जाया जाता है। इस वीडियो में वायरल वीडियो वाला आखिरी हिस्सा नहीं था, जहाँ व्यक्ति की हत्या की जाती है। इस ट्वीट के रिप्लाई में हमें मुज़फ्फरनगर पुलिस का जवाब मिला, जिसमें लिखा था- “थाना भोपा पुलिस द्वारा 07 नामजद व 10-12 अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है। अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी, स्थानीय पुलिस द्वारा अन्य विधिक कार्यवाही की जा रही है।”

यहाँ से मिली जानकारी के आधार पर हमने कीवर्ड सर्च किया तो हमें इस मामले में कई ख़बरें मिलीं। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर भी हमें इस विषय में खबर मिली। खबर के अनुसार, “भोपा स्थित सीकरी गांव में विद्युत लाइनमैन के साथ मारपीट कर जबरदस्ती घर में खींचने के आरोप में चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपितों का चालान कर दिया।” खबर के अनुसार, लाइनमैन को सही-सलामत बचा लिया गया था और आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया था।

हमने इस विषय में दैनिक जागरण के मुज़फ्फरनगर रिपोर्टर अरुण देव से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया कि वीडियो 2021 का है, जब सीकरी गांव में विद्युत लाइनमैन अनुज के साथ मारपीट की गयी थी और उसे बंदी बना लिया गया था। मगर अनुज को सही-सलामत पुलिस ने निकाल लिया था। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी चला था। उनकी हत्या नहीं हुई थी।”

अब बारी थी वीडियो के आखरी हिस्से को फैक्ट चेक करने की। इनविड टूल से निकले कीवर्ड्स को ढूंढ़ने पर हमें पता चला कि वायरल वीडियो को लेकर कई ख़बरें सामने आयीं थी। ख़बरों के अनुसार, घटना वेनेजुएला की थी। metro.co.uk की 7 फरवरी 2018 को पब्लिश्ड खबर में इस वीडियो के कई स्क्रीनशॉट्स थे। खबर के अनुसार, घटना वेनेजुएला की बताई जा रही है।

news.com.au की 4 फरवरी 2018 को पब्लिश्ड खबर में भी इस घटना को वेनेजुएला का ही बताया गया।

हालांकि, विश्वास न्यूज़ स्वतंत्र रूप से इस वीडियो के स्थान और समय की पुष्टि नहीं करता।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और सांप्रदायिक उन्माद भड़काने वाला साबित हुआ। वायरल हो रहा वीडियो दो अलग-अलग वीडियोज को जोड़कर बनाया गया है। दोनों मामलों में कोई सम्बन्ध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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