Fact Check: CAA समर्थन को लेकर BJP नेता की पिटाई का दावा गलत, अजमेर शरीफ में हुई मारपीट का पुराना वीडियो वायरल

CAA और NRC के समर्थन की वजह से भाजपा नेता इनायत हुसैन की पिटाई के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो फ़र्ज़ी है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक आदमी को एक व्यक्ति के मुंह पर काली इंक फेंकते हुए और उसे चप्पलों से मारते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है नागरिकता संशोधन कानून और NRC का समर्थन करने के कारण भाजपा नेता इनायत हुसैन के साथ यह सलूक किया गया।

विश्वास टीम ने इस दावे की पड़ताल में पाया कि यह वीडियो 2 साल पुराना मार्च 2018 का है। यह वीडियो किसी भाजपा नेता के साथ पिटाई का नहीं, बल्कि अजमेर शरीफ दरगाह राजस्थान में दो लोगों की लड़ाई का है, जिसका CAA और NRC से कोई संबंध नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में एक आदमी को एक व्यक्ति के मुंह पर काली इंक फेंकते हुए और उसे चप्पलों से मारते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा गया है: “ੲਿੰਦੋਰ ਦੇ ਭਾਜਪਾ ਨੇਤਾ ੲਿਨਾੲਿਤ ਹੂਸੈਨ ਵਲੋਂ CAA, NRC ਦਾ ਸਮਰਥਨ ਕਰਨ ਕਰਕੇ ਮੂੰਹ ਕੀਤਾ ਕਾਲਾ ਅਤੇ ਚਪਲਾਂ ਨਾਲ ਚਾੜ੍ਹ ਕੇ ਕੁਟਾਪਾ ਕੱਢਿਆ ਮੋਦੀ ਭੂਤ” (हिंदी अनुवाद: इंदौर के भाजपा नेता इनायत हुसैन की तरफ से CAA, NRC का समर्थन करने के कारण मुंह काला किया गया और चप्पलों से मारा गया)

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को InVid टूल में अपलोड कर इसके कीफ्रेम्स निकाल कर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में सर्च किया। हमें सर्च के नतीजों में दैनिक जागरण के सहयोगी अख़बार नईदुनिया (naidunia.com) पर प्रकाशित एक खबर का लिंक मिला, जिसमें इसी वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को देखा जा सकता है। यह खबर 13 मार्च 2018 को प्रकाशित की गई थी और इसकी हेडलाइन थी: VIDEO: अजमेर शरीफ में खादिमों की बैठक में चले लात-घूंसे, फेंकी स्याही

इस खबर के अनुसार: राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन शेखजादगान के सचिव के मुंह पर कालिख पोतने और उनके साथ मारपीट का मामला सामने आया है। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है इस वीडियो में शेख बंटी नाम का एक खादिम उनके दफ्तर में पहुंच कर उनका ना सिर्फ मुंह काला करता नजर आ रहा है, बल्कि चप्पल से धुनाई भी करता दिख रहा है। मौके पर मौजूद अंजुमन के सदस्यों ने सचिव अब्दुल मजीद चिश्ती को बंटी से बचाया। सचिव अब्दुल माजिद चिश्ती ने इस पूरी घटना की जानकारी दरगाह थाना पर देकर शिकायत दर्ज कराई है।

अब हमने अजमेर शरीफ दरगाह में चिश्ती फाउंडेशन के चैयरमेन सैयद सलमान चिश्ती से इस वीडियो को लेकर बात की। उन्होंने हमें बताया, “यह वीडियो पुराना है हालिया नहीं। दो साल पहले दो लोगों की आपसी लड़ाई का यह वीडियो है। वीडियो में भाजपा का कोई भी नेता नहीं है। वीडियो में दिख रहे लोग शेख समुदाय से सबंधित हैं।”

इस खबर से यह बात साफ़ हो गई कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है और वीडियो में भाजपा नेता भी नहीं है।

विश्वास न्यूज़ से बात करने के बाद सैयद सलमान चिश्ती ने ट्विटर पर इस वीडियो को लेकर सफाई भी दी, जिसे नीचे देखा जा सकता है।

10 दिसंबर को लोकसभा से पारित होने के बाद 11 दिसंबर को नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा से पास किया गया था, जिसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह विधेयक कानून बन गया।

इस वीडियो को कई सारे यूज़र वायरल कर रहे हैं और इन्ही में से एक है Awaze Qaum Tv नाम का फेसबुक पेज। इस पेज की सोशल स्कैनिंग करने पर हमने पाया कि इस पेज को “49,246” लोग फॉलो कर रहे हैं और यह पेज एक मीडिया प्रोडक्शन कंपनी का है।

निष्कर्ष: CAA और NRC के समर्थन की वजह से भाजपा नेता इनायत हुसैन की पिटाई के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो फ़र्ज़ी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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