Fact Check: तैयब एर्दोगान की फ्रेंच प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों के साथ बेरुख़ी का दावा फ़र्ज़ी, वायरल वीडियो 2018 का है

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि तैयब एर्दोगान की इमैनुएल मैक्रों के साथ बेरुखी और ख़राब बर्ताव के नाम पर जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है उसका दावा फ़र्ज़ी है। सीरिया के मसले पर हुई कॉन्फ्रेंस के 2018 के इस वीडियो को हाल ही का समझते हुए गलत दावे के साथ फैलाया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगान, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में, तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगान जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हाथ मिलाते हैं। वहीं, फ्रांसीसी राष्ट्रपति से हाथ मिलाए बिना आगे बढ़ जाते हैं। अब इसी वीडियो को फ्रांस कार्टून घटना के बाद का समझते हुए इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि एर्दोगान ने कॉन्फ्रेंस में इमैनुएल मैक्रों के साथ बेरुखी की है।

विश्वास न्यूज़ ने वीडियो की पड़ताल में पाया कि पिछले दिनों का समझ कर जिस वीडियो को वायरल  किया जा रहा है वह असल में 2018 का सीरिया से जुडी एक कॉन्फ्रेंस का वीडियो है। इसके अलावा वीडियो की छोटी क्लिप को फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल किया गया है। पूरी कॉन्फ्रेंस में दोनों ही लीडर्स के बीच में बेरुखी या ज़लील करने जैसा कोई मामला नहीं हुआ था।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर, ”ज़रा शहज़ाद” ने एक 14 सेकंड के वीडियो को शेयर किया, जिसमें तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगान, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, ”फ्रांस के गुस्ताख़ प्रेसिडेंट को देख कर तैयब एर्दोगान दूसरी तरफ चल पड़े और गुस्ताख़ फ्रेंच प्रेसिडेंट से हाथ भी नहीं मिलाया। तुर्की के राष्ट्रपति ने ऐसी बेरुखी की, ऐसा ज़लील किया की देखता ही रह गया।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देख सकते हैं।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए सबसे पहले हमने वीडियो को InVid टूल में अपलोड कर के कीफ्रेम्स निकले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया। सर्च में हमारे हाथ euractiv.com नाम के न्यूज़ पोर्टल की एक खबर लगी। 29 अक्टूबर 2018 को छपी खबर में वीडियो के ही एक स्क्रीनग्रैब को देखा जा सकता है। खबर में बताया गया की रूस, जर्मनी, फ्रांस और तुर्की के लीडरों ने 27 अक्टूबर को सीरिया में सीज़फायर से जुडी एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया।”

अब हमनें सम्बंधित कीवर्ड डाल कर गूगल ओपन सर्च किया और हमारे हाथ Ruptly के ऑफिशल यूट्यूब पेज की तरफ से 27 अक्टूबर 2018 को शेयर किया गया वीडियो लगा। यह कॉन्फ्रेंस का पूरा वीडियो था, पूरे वीडियो को देखने पर भी हमें ऐसा कुछ नज़र नहीं आया, जिससे यह ज़ाहिर होता है कि तुर्की के राष्ट्रपति ने इमैनुएल मैक्रों के साथ बुरा बर्ताव किया हो या उन्हें ज़लील किया हो।

अपने आगे की पड़ताल में हमें फोटो एजेंसी AFP की तरफ से इसी कॉन्फ्रेंस की खींची गयी एक तस्वीर भी मिली, जिसमें यह दोनों लीडर्स हाथ मिलते हुए नज़र आ रहे हैं। तस्वीर को ओजन कोसे नाम के एक फोटोग्राफर ने खींचा था। 

AFP की वेबसाइट पर फोटोग्राफर ओजन कोसे की हमें एक तस्वीर और भी मिली, जो वीडियो की ही स्टिल इमेज थी।

अब हमने पुष्टि के लिए कॉन्फ्रेंस में मौजूद एएफपी के फोटोग्राफर ओजन कोसे से संपर्क किया और उनके साथ वायरल वीडियो और उसके साथ किया जा रहा दावा शेयर किया। जिस पर उन्होंने हमें बतया, ”यह इवेंट 27 अक्टूबर 2018 को फ्रांस के कार्टून मामले से पहले हुआ था। कॉन्फ्रेंस के दौरान मैक्रों और एर्दोगान दोनों के दरमियान कोई प्रॉब्लम नहीं थी, एक-दूसरे से बेहद खुशमिज़ाज अंदाज़ में मिले थे। वायरल वीडियो कॉन्फ्रेंस के आखिर का फैमिली फोटो से पहले का है। हो सकता है कि एर्दोगान, मैक्रों से हाथ मिलाना भूल गए हों लेकिन बाद में वह आते हैं और हाथ भी मिलाते हैं, जिसे वायरल वीडियो में नहीं दिखाया गया है।”

अब बारी थी इस पोस्ट को फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर करने वाली फेसबुक यूजर ‘ज़ारा शहजाद” की सोशल स्कैनिंग करने की। हमनें पाया कि यूजर पाकिस्तान की रहने वाली है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि तैयब एर्दोगान की इमैनुएल मैक्रों के साथ बेरुखी और ख़राब बर्ताव के नाम पर जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है उसका दावा फ़र्ज़ी है। सीरिया के मसले पर हुई कॉन्फ्रेंस के 2018 के इस वीडियो को हाल ही का समझते हुए गलत दावे के साथ फैलाया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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