नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सोशल मीडिया पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की हैकिंग के दावे के साथ एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि बिहार विधासनभा चुनाव के दौरान ईवीएम को हैक कर चुनाव को प्रभावित किया गया।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। हरियाणा में बरोदा विधानसभा सीट पर हुए उप-चुनाव के दौरान मतदान स्लीप निकालने वाली मशीन को ईवीएम हैक करने वाली मशीन समझकर लोगों ने हंगामा किया था। इसी वीडियो को बिहार विधानसभा चुनाव में ईवीएम हैंकिंग के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
यूट्यूब ‘Sach Ke Sath’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव में ईवीएम हैंकिंग का दावा किया है।
12.22 सेकेंड के वीडियो में 0.15 से 0.30 सेकेंड के फ्रेम में वीडियो में मौजूद व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘ये जो रुखी गांव के अंदर…..वोटिंग मशीन को हैंग कर रहे हैं….वोटिंग मशीन को हैंग करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है।’ इस कीवर्ड से सर्च करने पर हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिले, जिसमें इस घटना का जिक्र है।
‘अमर उजाला’ की वेबसाइट पर पर चार नवंबर को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बरोदा उपुचनाव के लिए मंगलवार को मतदान के दौरान केंद्र के अंदर भले ही किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ हो, लेकिन मतदान केंद्र के बाहर कई गांवों में मारपीट और हाथापाई हुई। मतदान करने जाने वालों को केंद्र के बाहर कुछ युवक ई-वोटर स्लिप निकालकर दे रहे थे, जिसको ईवीएम हैक करने की मशीन समझकर लोगों ने युवकों के साथ मारपीट कर दी। ऐसा किसी एक गांव में नहीं हुआ, बल्कि 10 से ज्यादा गांवों में इस कारण ही मारपीट व हाथापाई की घटनाएं हुईं। किसी जगह पुलिस को जाकर मामला संभालना पड़ा तो किसी जगह स्थिति साफ होने पर ग्रामीणों ने खुद ही हंगामा शांत कराया।’
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ इस तरह ही कई अन्य गांवों रिवाड़ा, कटवाल, निजामपुर, रूखी आदि में ई-वोटर स्लिप निकालने के लिए बाहर से बुलाए गए युवकों के साथ मारपीट व हाथापाई की गई। इन गांवों में अफवाह फैल गई कि उस मशीन से ईवीएम हैक करके वोट डाले जा रहे है और उसके बाद वहां हंगामा हो गया। जिससे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को स्थिति साफ करनी पड़ी कि वह ई-वोटर स्लिप मशीन है।’
‘हरिभूमि’ की वेबसाइट पर तीन नवंबर को प्रकाशित रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बरोदा सीट के लिए हुए उपचुनाव के दौरान कई गांवों में ईवीएम हैक करने वाली मशीन बोलकर कुछ युवक को पकड़ा गया। हालांकि, इन युवकों से जो मशीन पकड़ी गई थी, वह केवल मतदान स्लिप निकालने की मशीन थी।’
विश्वास न्यूज ने इसके बाद वायरल वीडियो में ईवीएम को हैक किए जाने के दावे को लेकर सोनीपत की एएसपी निकिता खट्टर से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह कहीं भी ईवीएम को हैक किए जाने या मतदान को प्रभावित करने का मामला नहीं था।’ उन्होंने हमें बताया कि इस मामले की जांच गोहाना एएसपी ने की थी, इसलिए हमें उनसे संपर्क करना चाहिए।
इसके बाद हमने गोहाना के एएसपी उदय सिंह मीणा से संपर्क किया। ईवीएम को हैक किए जाने के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने बताया, ‘पोलिंग बूथ के बाहर कुछ लोग मतदाताओं को हैंड प्रिंटर के जरिए वोटर स्लिप निकालकर दे रहे थे और इसी मशीन को देखकर कुछ लोगों ने ईवीएम हैकिंग का आरोप देकर हंगामा करना शुरू कर दिया। ईवीएम हैंकिंग का आरोप बेतुका है।’
गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में बरोदा विधानसभा सीट से कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुडा निर्वाचित हुए थे। अप्रैल महीने में उनकी मौत के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी, जिसकी वजह से यहां उप-चुनाव कराया गया।
बिहार चुनाव के नतीजे आने के बाद भी कई दलों ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे, जिस पर चुनाव आयोग की तरफ से स्पष्टीकरण जारी किया गया था।
india.com पर प्रकाशित रिपोर्ट में चुनाव आयुक्त सुदीप जैन के बयान के मुताबिक, ‘यह समय-समय पर साबित हो चुका है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार ईवीएम की विश्वसनीयता पर मुहर लगाई है। चुनाव आयोग ने भी वर्ष 2017 में ईवीएम चैलेंज का आयोजन किया था। ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का कोई आधार नहीं है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। ‘
निष्कर्ष: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम हैकिंग के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। यह वीडियो हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव से संबंधित है और वहां भी ईवीएम हैकिंग जैसा कुछ नहीं हुआ था। मतदान के दौरान वोटर स्लिप निकालने के लिए हैंड प्रिंटर को कुछ लोगों ने ईवीएम हैक करने की मशीन समझकर हंगामा किया था।
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