Fact Check : टाक्‍टे तूफान के नाम पर वायरल हुआ बरसों पुराना वीडियो

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। इंटरनेट पर बरसों से पड़े वीडियो को गुजरात का बता कर वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। टाक्‍टे तूफान भले ही बीत गया हो, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर फर्जी पोस्‍ट को शेयर करने का स‍िलसिला अभी रुका नहीं है। अब गुजरात के अमरेली के नाम पर एक वीडियो को वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा ब्रिज राजूला, अमरेली का है। वीडियो में पानी की विशालकाय लहरों को ब्रिज के ऊपर देखा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

जांच में पता चला कि गुजरात के नाम पर वायरल वीडियो बरसों से इंटरनेट पर मौजूद है। इसे कभी महाराष्‍ट्र तो कभी तमिलनाडु के नाम पर वायरल किया जाता रहा है। हमारी जांच में गुजरात के अमरेली के नाम पर टाक्‍टे तूफान से जोड़कर वायरल की जा रही पोस्‍ट झूठी निकली।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर हैंडल सूर्यरेखा (@suryarekha.in) ने 17 मई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए इसे गुजरात का बताया। यूजर ने लिखा : ‘ताऊ ते का गुजरात के राजूला, अमरेली में असर।’

पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें यांडेक्‍स में सर्च किया। सर्च के दौरान यह वीडियो हमें मुंबई के नाम पर भी वायरल मिला। 5 दिसंबर 2017 को एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड इस वीडियो को बांद्रा का बताया गया। इसे आप यहां क्लिक करके देख सकते हैं।

इसी तरह यह वीडियो हमें रामेश्‍वरम के नाम से भी वायरल मिला। इसे एक यूट्यूब चैनल ने 16 नवंबर 2018 को अपलोड किया था। इसे आप यहां देख सकते हैं।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने गुजरात के वरिष्‍ठ पत्रकार प्रशांत नेमा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने हमें बताया कि यह वीडियो पहले भी कई बार अलग-अलग जगहों के नाम पर वायरल होता रहा है। इस वीडियो का गुजरात के टाक्‍टे या अमरेली से कोई संबंध नहीं है।

जांच के दौरान हमें जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 19 मई को पोस्‍ट की गई इस खबर में बताया गया कि चक्रवात टाक्‍टे के गुजर जाने के बाद प्रभावित जिले भावनगर, गीर सोमनाथ, अमरेली व जूनागढ सहित सौराष्‍ट्र, दक्षिण गुजरात में राहत व बचाव कार्य शुरू किए गए। पूरी खबर यहां पढ़ें।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की। ट्विटर हैंडल सूर्यरेखा की सोशल स्‍कैनिंग से हमें पता चला कि इसके 6503 फॉलोअर हैं। इस अकाउंट को जून 2014 में बनाया गया था। यह अकाउंट जयपुर से अपडेट होता है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। इंटरनेट पर बरसों से पड़े वीडियो को गुजरात का बता कर वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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