Fact Check: उत्तर प्रदेश सरकार ने नहीं जारी किया मीट की दुकानें बंद रखने का आदेश, गलत दावा हुआ सोशल मीडिया पर वायरल
विश्वास न्यूज की पड़ताल में नवरात्र पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश में 10 अप्रैल तक सभी मीट की दुकानें बंद रखने का दावा भ्रामक निकला। हालांकि, गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा के द्वारा ऐसा निर्देश जारी किया गया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था।
- By: Pragya Shukla
- Published: Apr 7, 2022 at 03:26 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नवरात्र के दौरान 10 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में मीट की दुकानें बंद रखने और मीट न बेचने का आदेश जारी किया है। साथ ही सरकार ने प्रशासन को सख्ती से निर्देश लागू करने लिए कहा है। विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। सरकार के द्वारा आधिकारिक तौर पर ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक यूजर Krishna Solanki ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है, “यूपी में 10 अप्रैल तक बंद रहेंगी मीट की सभी दुकानें, आदेश का सख्ती से पालन करने के प्रशासन को निर्देश!”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस स्क्रीनशॉट को समान और मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया है। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल –
वायरल स्क्रीनशॉट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल ओपन सर्च का इस्तेमाल किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। कई अन्य कीवर्ड के जरिए दोबारा सर्च करने पर हमें 2 अप्रैल 2022 को प्रकाशित नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “गाजियाबाद में नगर निगम की मेयर आशा शर्मा ने नवरात्र से 1 दिन पहले आस-पास की मीट की दुकानों को 9 दिनों तक बंद रखने का निर्देश जारी किया था। जिसके बाद मीट विक्रता इसके विरोध में आ गए। मामले के तूल पकड़ने के बाद अगले ही दिन आदेश को वापस ले लिया गया। रिपोर्ट में कहीं भी पूरे उत्तर प्रदेश में मीट की दुकानें बंद करने का जिक्र नहीं था। एबीपी न्यूज ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था।
वायरल स्क्रीनशॉट के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने कई शहरों के डीएम और पत्रकारों से संपर्क किया। सबसे पहले हमने लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश से बातचीत की। उन्होंने हमें बताया, “हमारे पास अभी तक इस तरह की कोई सूचना नहीं आई है।” इसके बाद हमने दैनिक जागरण लखनऊ के चीफ रिपोर्टर राजीव बाजपेई से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया- वायरल दावा पूरी तरह से गलत है। सरकार द्वारा ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। यहां पर मीट की दुकानें खुली हुई हैं और रेस्टोरेंट में भी नॉनवेज बेचा जा रहा है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने प्रयागराज के डीएम संजय कुमार खत्री से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “हमारे पास शासन के द्वारा इस तरह का कोई आदेश नहीं आया है। अगर ऐसा कोई निर्देश आता है, तो उसे सर्कुलेट कर दिया जाएगा।” इसके बाद हमने प्रयागराज के रिपोर्टर ब्रिजेश श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। कई दुकानों पर मीट बेचा जा रहा है, ढाबों और रेस्टोरेंट में भी मीट मिल रहा है।
आगरा के डीएम श्री प्रभु एन. सिंह ने हमें बताया कि हमारे पास सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। यहां पर मीट की दुकानें खुली हैं। फिर हमने आगरा दैनिक जागरण के डिजिटल इंजार्ज प्रतीक गुप्ता से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल दावा गलत है। यहां पर मीट की दुकानें खुली हुई हैं।
हमने लखनऊ दैनिक जागरण के सीनियर एडिटर अनुराग मिश्रा के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं है।
पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने उत्तर प्रदेश सरकार में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सूचना और आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा पूरी तरह से गलत है। सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर Krishna Solanki के सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर के 9.6 हजार फॉलोअर्स हैं। यूजर दिल्ली का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में नवरात्र पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश में 10 अप्रैल तक सभी मीट की दुकानें बंद रखने का दावा भ्रामक निकला। हालांकि, गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा के द्वारा ऐसा निर्देश जारी किया गया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था।
- Claim Review : यूपी में 10 अप्रैल तक बंद रहेंगी मीट की सभी दुकानें, आदेश का सख्ती से पालन करने के प्रशासन को निर्देश!
- Claimed By : Krishna Solanki
- Fact Check : भ्रामक
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