Fact Check: 2021 में तैयार हुआ था यूपी में जनसंख्या नियत्रंण को लेकर ड्राफ्ट, पुरानी खबर का वीडियो अब वायरल
करीब तीन साल पहले यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल का ड्राफ्ट तैयार किया गया था। उस वीडियो न्यूज को अब लोकसभा चुनाव के दौरान शेयर किया जा रहा है। अभी इसको लेकर कानून नहीं बना है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: May 17, 2024 at 03:41 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण का मतदान 20 मई को होगा। इस दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडयो न्यूज वायरल हो रही है। इसमें एंकर को कहते हुए सुना जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर राज्य में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर मसौदा तैयार किया गया है। इसके तहत, दो से ज्यादा बच्चे वालों को कई सुविधाएं नहीं मिलने की बात कही गई है। इस वीडियो को कुछ यूजर्स हाल-फिलहाल से जोड़ते हुए दावा कर रहे हैं कि यूपी में दो से ज्यादा बच्चे वालों को कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलेगी।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो न्यूज जुलाई 2021 की है। करीब तीन साल पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार हुआ था। इस पर आम लोगों से शिकायतें व सुझाव भी मांगे गए थे। यह अभी कानून नहीं बना है।
क्या है वायरल पोस्ट
एक्स यूजर Manoj Srivastava (आर्काइव लिंक) ने 15 मई को रिपब्लिक भारत की वीडियो न्यूज को शेयर करते हुए लिखा,
“उत्तर प्रदेश में योगी ने फोड़ा एटम बम
अगर दो से ज्यादा बच्चे तो कोई सरकारी सुविधा नही
क्या गुजरात की 27 साल वालीं बीजेपी सरकार ये कर पायी थी”
फेसबुक यूजर Sunil Sati (आर्काइव लिंक) ने 16 मई को वीडियो न्यूज को पोस्ट करते हुए इसी तरह का दावा किया है।
पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। तीन वर्ष पहले दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। अगर यह कानून में बदल जाता है, तो राज्य में दो से ज्यादा बच्चों वालों को सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। उनको सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। इस मसौदे को राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्य मित्तल ने तैयार किया है। ड्राफ्ट के तहत, जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे, वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। आयोग ने आम लोगों से इस मसौदे पर 19 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं।
खबर में यह भी लिखा है कि ड्राफ्ट के अनुसार, यह बिल राजपत्र में छपने की तारीख के एक साल बाद लागू हो जाएगा।
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 16 अगस्त 2021 को छपी खबर में लिखा है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधिक आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का ड्राफ्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया है। इसमें एक बच्चे वाले परिवार को कुछ अतिरिक्त लाभ देने की सिफारिश की गई है। इसमें दो बच्चों वाले परिवार को सरकारी सुविधाओं में कटौती समेत डिमोशन की सिफारिश की गई है। ऐसे लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने की सिफारिश भी शामिल है। आम लोगों से मिली राय के बाद आयोग के अध्यक्ष रिटायर जस्टिस एएन मित्तल के निर्देशन में इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया गया है। आयोग ने कहा है कि वर्ष 2001-2011 में राज्य की जनसंख्या 20.23 फीसदी बढ़ी है।
सर्च में हमें रिपब्लिक भारत के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो न्यूज मिल गई। इसे 11 जुलाई 2021 को अपलोड किया गया है।
इसमें 15:50 मिनट के बाद वायरल वीडियो न्यूज को देखा जा सकता है।
इससे साफ होता है कि वायरल वीडियो न्यूज करीब तीन साल पुरानी है।
इस बारे में हमने उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी से बात की। उनका कहना है कि यूपी जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट विधानसभा चुनाव से पहले तैयार किया गया था। इस बारे में चर्चा भी की गई थी। फिलहाल यह अभी कानून बना नहीं है।
20 अप्रैल 2023 को एबीपी की वेबसाइट पर छपे एक लेख के अनुसार, 2019 में भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल जनसंख्या विनियमन विधेयक पेश किया था। इसका जमकर विरोध हुआ था और बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया था। देश आजाद होने के बाद से करीब 35 बार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बिल पेश किया जा चुका है, लेकिन यह कानून नहीं बन सका।
पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित यूजर के करीब 18 हजार फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: करीब तीन साल पहले यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल का ड्राफ्ट तैयार किया गया था। उस वीडियो न्यूज को अब लोकसभा चुनाव के दौरान शेयर किया जा रहा है। अभी इसको लेकर कानून नहीं बना है।
- Claim Review : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर राज्य में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर मसौदा तैयार किया गया है।
- Claimed By : X User- Manoj Srivastava
- Fact Check : भ्रामक
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