यूपी पुलिस के नाम पर मास्क चेकिंग का वायरल मैसेज फर्जी साबित हुआ। यूपी पुलिस ने खुद इसका खंडन किया है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। इंटरनेट की दुनिया में यूपी पुलिस के नाम से एक फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है। मैसेज में दावा किया जा रहा है कि यूपी पुलिस की ओर से प्रदेश में तीस दिनों का मास्क को लेकर विशेष चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा। मास्क नहीं पहने वालों को चालान के साथ 10 घंटे की अस्थाई जेल भी हो सकती है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमें पता चला कि यूपी पुलिस की ओर से ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया गया है। वायरल मैसेज में लिखी सभी बातें झूठी हैं।
फेसबुक यूजर तरुण शर्मा ने 25 फरवरी की रात को एक पोस्ट अपलोड करते हुए लिखा सावधान मित्रों। पोस्ट में यूपी पुलिस का लोगो लगा हुआ था। साथ में लिखा था : ‘कल प्रातः 9 बजे से उत्तर प्रदेश के सभी थाना क्षेत्रों में मास्क चैकिंग का 30 दिनों का अभियान चलेगा सभी शहर एवं ग्रामवासी मास्क का प्रयोग करें और चालान की कार्यवाही से बचें और साथ ही 10 घंटे की अस्थाई कारावास (जेल) सजा से भी बचे। निवेदक – उत्तर प्रदेश पुलिस. उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जनहित में जारी.’
इस पोस्ट को दूसरे यूजर्स भी सच मानकर खूब शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने जांच की शुरुआत गूगल सर्च से की। हमें संबंधित कीवर्ड को गूगल सर्च में टाइप करके खोजना शुरू किया। हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल मैसेज की सत्यता की पुष्टि करती हो।
पड़ताल के अगले चरण में हमने यूपी पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने वायरल मैसेज को फर्जी बताया।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने यूपी पुलिस के सोशल मीडिया को खंगालने का फैसला किया। हमें यूपी पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @Uppolice पर एक ट्वीट मिला। 26 फरवरी को यूपी पुलिस की ओर से वायरल मैसेज का खंडन करते हुए यह ट्वीट किया गया। इसमें लिखा गया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मास्क चेकिंग का 30 दिन का ऐसा कोई भी अभियान नही चलाया जा रहा है और न ही ऐसी कोई सूचना प्रसारित की गई है। अतः ऐसी भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें, जो भी इस प्रकार की भ्रामकता फैलायेगा, उसके विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही की जाएगी।
पड़ताल के अंतिम चरण में हमने फर्जी मैसेज फैलाने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि यूजर तरुण शर्मा बुलंदशहर के रहने वाले हैं। उनका अकाउंट फरवरी 2015 को बनाया गया।
निष्कर्ष: यूपी पुलिस के नाम पर मास्क चेकिंग का वायरल मैसेज फर्जी साबित हुआ। यूपी पुलिस ने खुद इसका खंडन किया है।
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