विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल दावा ग़लत साबित हुआ। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो पाकिस्तान का है। जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश की सराहाना करते हुए 19 सेकेंड का एक वीडियो वायरल तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग मुर्गा बनकर एक पेड़ का चक्कर लगाते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सड़क पर नमाज अदा करने पर इन लोगों को ये सजा दी गई है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह वीडिया भारत का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का है।
फेसबुक यूजर Anoop Kumar Agnihotri ने 7 अप्रैल 2022 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “घोटाला UP के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने किया बहुत बड़ा घोटाला ! सरकारी पैसे से खोला खुद का बहुत बड़ा पोल्ट्री फॉर्म ! सबूत के तौर पर नीचे तस्वीर दी जा रहीं हैं!”
सोशल मीडिया पर एक अन्य यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ” सड़क पर नमाज़ अदा करने की सज़ा। ये यूपी है, योगीजी का पॉल्ट्री फार्म। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आकाईव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें Urdu Updates नाम के एक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो 29 मार्च 2020 को अपलोडेड मिला। वीडियो के अनुसार, “लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर मानसेहरा पुलिस ने लोगों को मुर्गा बनाकर सजा दी।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट मनसेहरा पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 30 मार्च 2020 को पोस्ट मिला। मनसेहरा पुलिस ने एक पाकिस्तानी यूजर @CmHazara यूजर को रिप्लाई करते हुए लिखा है, “डीआईजी और मनसेहरा ने इस घटना को नोटिस में ले लिया है। पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई की जा रही है।”
हमने दैनिक जागरण के उत्तर प्रदेश के डिजिटल इंचार्ज धर्मेंद्र कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। हाल-फिलहाल में उत्तर प्रदेश में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। यह पहली बार नहीं है, जब ये दावा वायरल हुआ है। दो साल पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। उस दौरान भी हमने इस दावे की जांच कर सच्चाई सामने रखी थी। उस समय हमने यूपी डीजीपी के पीआरओ श्रीशचंद्र से संपर्क किया था। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया था कि वायरल वीडियो का यूपी से कोई संबंध नहीं है। यह पाकिस्तान का वीडियो है।
पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। यूजर की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि वह कानपुर, उत्तर प्रदेश का है। फेसबुक पर उसके 2889 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल दावा ग़लत साबित हुआ। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो पाकिस्तान का है। जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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