Fact Check : उद्धव ठाकरे की दो साल पुरानी तस्‍वीर के साथ की गई छेड़छाड़

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। अप्रैल 2020 की पीएम मोदी के साथ उद्धव ठाकरे की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की एक तस्‍वीर को अब एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे की एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें ठाकरे टेलीविजन देख रहे हैं। टीवी की स्‍क्रीन पर एकनाथ शिंदे व देवेंद्र फडणवीस को देखा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि यह इमेज एडिटेड है। ओरिजनल तस्‍वीर 27 अप्रैल 2020 की है। उस वक्‍त कोरोना अपने चरम पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूनियन होम मिनिस्‍टर अमित शाह महाराष्‍ट्र के उस वक्‍त के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे व दूसरे राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। ओरिजनल तस्‍वीर में स्‍क्रीन पर पीएम मोदी को देखा जा सकता है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘नमो fan club’ ने 30 जून को उद्धव ठाकरे की एक एडिटेड तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ‘ये दुख दर्द खत्म क्यों नही हो रहा इनका।’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले इसे गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। ओरिजनल तस्‍वीर हमें कुछ ट्विटर हैंडल पर मिली।

टीओआई प्‍लस ने 27 अप्रैल 2020 को एक ट्वीट में दो तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल किया था। इसमें से एक तस्‍वीर हूबहू वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई फोटो जैसी ही थी। इसमें बस स्‍क्रीन पर पीएम मोदी नजर आ रहे थे। इस ट्वीट के अनुसार, कोविड की समस्‍या से छुटकारा पाने के लिए उद्धव ठाकरे और पीएम व होम मिन‍िस्‍टर की वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग हुई थी। यह 27 अप्रैल 2020 की बात है।

यही तस्‍वीर हमें इसी तारीख को महाराष्‍ट्र सीएमओ के ट्विटर हैंडल पर भी मिली। इसमें भी पीएम के साथ कॉन्फ्रेंस की बात कही गई।

जांच के दौरान हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर भी ओरिजनल तस्‍वीर मिली। 27 अप्रैल 2020 की एक खबर में इसका यूज किया गया था। इस तस्‍वीर के कैप्‍शन में पीटीआई का हवाला दिया गया था। ओरिजनल तस्‍वीर यहां क्लिक करके देखें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए मुंबई के वरिष्‍ठ पत्रकार अभिमन्यु शितोले से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल पोस्‍ट फेक है। ओरिजनल फोटो उस वक्‍त की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड-19 के संदर्भ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक पेज नमो फैन क्‍लब के 12 सौ फॉलोअर हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। अप्रैल 2020 की पीएम मोदी के साथ उद्धव ठाकरे की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की एक तस्‍वीर को अब एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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