Fact Check: बच्चा चोरी के आरोप में 9 महीने पहले हुई थी दो महिलाओं की पिटाई, वीडियो अब सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि ‘मुसलमानों की पिटाई’ के नाम से वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। सच्चाई यह है कि जुलाई 2019 में बिहार के रोहतास में दो महिलाओं को भीड़ ने बच्चा चोरी के आरोपी में पिटा था। उसी घटना के वीडियो को कुछ लोग सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Mar 9, 2020 at 05:21 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारत को बदनाम करने के लिए कुछ पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा बच्चा चोरी के आरोप में पिटाई का एक पुराना वीडियो झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो में भीड़ जिन महिलाओं को पीट रही है, वे मुस्लिम हैं।
विश्वास न्यूज ने जब वायरल पोस्ट की पड़ताल की तो दावा फर्जी निकला। दरअसल जुलाई 2019 को बिहार के रोहतास में बच्चा़ चोरी के आरोप में दो महिलाओं को भीड़ ने निशाना बनाया था। इन महिलाओं का नाम संगीता देवी और बेबी देवी था। यूजर्स जानबूझकर इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए वायरल कर रहे हैं।
क्या हो रहा है वायरल
ट्विटर हैंडल Defender Of Pak Army & ISI (@defender_army) ने 2 मार्च 2020 को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ”Your tears will not be seen cause You don’t have blue eyes, No one light a candle for you or hold a rally to save you. They call you criminal Beause you are a Muslim!”
इसके अलावा भी कई यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो में जिन महिलाओं को पिटा जा रहा है, वे मुस्लिम हैं।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल हो रहे वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब निकाले। इसके बाद इन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें यह वीडियो कई जगह मिला, लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली। News24Live नाम के एक Youtube चैनल पर 26 जुलाई 2019 को अपलोड वीडियो में बताया गया कि बिहार के रोहतास जिला में बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ ने सरेआम दो महिलाओं को पीटा।
पड़ताल के दौरान हमें दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर भी इससे संबंधित खबर और वीडियो मिला। 26 जुलाई 2019 को अपलोड इस खबर में बताया गया कि बिहार के रोहतास जिले के दावथ थाना क्षेत्र के मलियाबाग में पटना से पहुंची दो महिलाओं को भीड़ ने बच्चा चोर समझकर पीटा। इन महिलाओं का नाम संगीता देवी और बेबी देवी था।
सर्च के दौरान हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट jagran.com पर भी एक खबर मिली। इसमें बताया गया, ”मलियाबाग में शुक्रवार को बच्चा चोरी की अफवाह के चलते नासमझी में हिसक भीड़ के हत्थे दो महिलाएं चढ़ गई। दोनों महिलाएं पटना से गुप्ताधाम जा रही थी। रास्ता भटक कर मलियाबाग पहुंच गई और भीड़ के हत्थे चढ़ गई। यदि समय पर पुलिस नहीं पहुंचती, तो शायद हिसक भीड़ उनकी जान ही ले लेती। पुलिस ने कड़ी मशक्कत कर किसी तरह उन्हें भीड़ की चंगुल से छुड़ाकर सीएचसी पहुंचाया। इस दौरान भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर हमला कर दो पुलिस अधिकारियों को घायल कर दिया। पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस वैसे लोगों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में लगी है। इस मामले में जख्मी महिलाओं व एक जख्मी एसआइ के बयान पर लगभग एक हजार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है….।”
पूरी खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।
इसके बाद हमने रोहतास के विक्रमगंज के अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) राजकुमार से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो पटना की दो महिलाओं संगीता देवी व बेबी देवी का है, जिन्हे दावथ थाना के मलियाबग में बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ द्वारा पिटाई की गई थी। जिसमें लगभग एक हजार अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसमें कई लोगों को चिह्नित कर कारवाई की गई है। दोनों महिलाएं हिन्दू हैं व वे उस समय चेनारी थाना क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी की गुफा में स्थित गुप्ता धाम गुप्तेश्वर महादेव की पूजा करने जा रही थी। यह कहना गलत है कि वे मुस्लिम महिला हैं।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले ट्विटर हैंडल Defender Of Pak Army & ISI (@defender_army) की सोशल स्कैमनिंग की। हमें पता चला कि यह यूजर्स अधिकांश पोस्ट ऊर्दू में करता है। इसके अलावा इसने अपना हैंडल दिसंबर 2019 को बनाया था। इसे 271 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि ‘मुसलमानों की पिटाई’ के नाम से वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। सच्चाई यह है कि जुलाई 2019 में बिहार के रोहतास में दो महिलाओं को भीड़ ने बच्चा चोरी के आरोपी में पिटा था। उसी घटना के वीडियो को कुछ लोग सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।
- Claim Review : दावा किया जा रहा है कि वीडियो में मुसलमानों की पिटाई हो रही है।
- Claimed By : ट्विटर हैंडल Defender Of Pak Army & ISI
- Fact Check : झूठ
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