विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के साथ वायरल तस्वीरें और वीडियो किसी अन्य जगह से संबंधित थी, जिन्हें भ्रामक दावे के साथ ज्ञानवापी के नाम पर वायरल किया गया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी मस्जिद में किया गया कमीशन (सर्वे) इस महीने की सुर्खियों में सर्वाधिक चर्चित रहा और इसे लेकर सोशल मीडिया पर अनगिनत तस्वीरों और वीडियो को साझा करते हुए भ्रामक और फेक दावे किए गए। सभी तस्वीरों और वीडियो को मुख्य तौर पर इस दावे के साथ शेयर किया गया, ये ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित रूप से मिले शिवलिंग की तस्वीर है।
विश्वास न्यूज ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो की जांच की। इस रिपोर्ट में हम इसी मुद्दे से संबंधित पांच फैक्ट चेक रिपोर्ट के बारे में जानकारी दे रहे है।
सोशल मीडिया पर खुदाई में मिले शिवलिंग की एक तस्वीर को यह कहते हुए शेयर किया गया कि यह ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन (सरल शब्दों में सर्वेक्षण) के दौरान मिले शिवलिंग की तस्वीर है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर वियतनाम के माई सन मंदिर परिसर में जारी संरक्षण परियोजना की खोज के दौरान मिले 9वीं सदी के शिवलिंग की तस्वीर है, जिसे वाराणसी का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया। विस्तृत फैक्ट चेक रिपोर्ट को नीचे पढ़ा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर जलमग्न शिवलिंग का एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान जलमग्न शिवलिंग मिला है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में अन्य दावे की तरह इसे भी फर्जी पाया। वायरल हो रहा वीडियो सोशल मीडिया पर अक्टूबर 2020 से ही मौजूद है और यह कहीं से भी ज्ञानवापी से संबंधित नहीं था। विस्तृत फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ें।
इसी क्रम में एक और तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसे लेकर दावा किया गया वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा मिला है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर फव्वारे की ही थी, लेकिन यह तस्वीर राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर लगे फव्वारे की है, जिसका इस्तेमाल वजू करने के लिए किया जाता है।
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच, दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हुआ, जिनमें से एक तस्वीर में नंदी की मूर्ति है और दूसरी में ज्ञानवापी मस्जिद की तस्वीर नजर आ रही है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया गया कि ये वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के नंदी की तस्वीर है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल पोस्ट में नजर आ रही नंदी की तस्वीर महाराष्ट्र के सतारा के वाई में स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर की है।
शिवलिंग से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो को शेयर किए जाने के क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो को साझा करते हुए दावा किया गया कि तमिलनाडु में एक शिवलिंग मिला है, जिस पर साल के 365 दिन पानी गिरते रहता है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे भ्रामक पाया। वायरल हो रहा वीडियो मलेशिया का था, जिसे तमिलनाडु का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया गया।
अगर आपको किसी तस्वीर या वीडियो की सच्चाई पर संदेह है? तो उसे ‘विश्वास न्यूज’ के WhatsApp चैटबॉट नंबर +91 9599299372 पर भेजें। हम आपको संबंधित वायरल दावे का सच बताएंगे।
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