Fact Check : महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन लगाए जाने की तीन साल पुरानी खबर अब वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा गलत साबित हुआ। एबीपी की एक पुरानी खबर के माध्‍यम से झूठ फैलाने की कोशिश की गई है।

Fact Check : महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन लगाए जाने की तीन साल पुरानी खबर अब वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफार्म पर महाराष्‍ट्र के नाम पर एक झूठ फैलाया जा रहा है। एक न्‍यूज की खबर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन लग गया है। इसे लेकर राष्‍ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा गलत साबित हुआ। एबीपी की एक पुरानी खबर के माध्‍यम से झूठ फैलाने की कोशिश की गई है। पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज Gloria Mendoza ने 19 सितंबर को एबीपी की एक खबर को अपलोड करते हुए दावा किया, “राष्‍ट्रपति शासन को मंजूरी दे दी गई है।”

इस पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किए गए वीडियो में राष्‍ट्रपति शासन के अलावा लालू प्रसाद यादव से जुड़ी एक खबर का भी इस्‍तेमाल किया गया।

फैक्ट चेक के उद्देश्य से इस पोस्ट में लिखी गई बातों को ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल दावे को लेकर गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। सर्च में हमें एक भी ऐसी लेटेस्‍ट खबर नहीं मिली, जिससे यह पता चल सके कि महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन लागू हो चुका है। यदि ऐसा हुआ होता तो यह सभी मीडिया संस्‍थानों की प्रमुख खबर होती।

जांच के अगले चरण में वायरल वीडियो को गौर से देखा। महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन के नाम पर वायरल खबर में एबीपी का पुराना लोगो नजर आया। इसमें दो एंकर को राष्‍ट्रपति शासन के बाद महाराष्‍ट्र की राजनीति पर बोलते हुए देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने जरूरी कीवर्ड्स की मदद से एबीपी न्‍यूज की इस वायरल क्लिपिंग के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया। हमें एबीपी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 12 नवंबर 2019 को पोस्ट की गई एक वीडियो रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट तीन साल पहले महाराष्‍ट्र में लगाए गए राष्‍ट्रपति शासन के दौरान की है। इसमें अब हो रहे वायरल वीडियो को देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से यह साफ हो चुका था कि वायरल वीडियो महाराष्‍ट्र में तीन साल पहले लगाए गए राष्‍ट्रपति शासन से जुड़ा है। इसका वर्तमान से कोई लेना-देना नहीं है। विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए एबीपी के न्यूज एंड प्रोडक्शन (एडिटोरियल) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट संत प्रसाद राय से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि एबीपी के नाम पर वायरल हो रही पोस्‍ट में पुरानी खबर का इस्‍तेमाल किया गया है। इसमें चैनल के पुराने लोगो को देखा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में झूठी पोस्‍ट करने वाले पेज की सोशल स्‍कैनिंग की गई। फेसबुक पेज Gloria Mendoza को 29 हजार लोग फॉलो करते हैं। इससे ज्‍यादा जानकारी इस पेज पर नहीं मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन का दावा करने वाली पोस्‍ट गलत साबित हुई। तीन साल पुरानी खबर को अब वायरल करके भ्रम फैलाने की कोशिश की गई है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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