Fact Check: उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कार्रवाई की यह खबर तीन साल पुरानी, भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर हुई वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। यह मामला हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि करीब तीन साल पुराना है। साल 2019 में रामपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद एक शख्स नाजिल को गिरफ्तार किया था। मुठभेड़ में शख्स की मौत नहीं हुई थी, बल्कि वह घायल हुआ था और ना ही नाजिल पर गोली एसपी अजय पाल शर्मा ने चलाई थी। मुठभेड़ के दौरान एसपी अजय पाल शर्मा मौके पर मौजूद नहीं थे। इसी पुरानी घटना को अब गलत दावों से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी के रेप के आरोपी को गोरखपुर कोर्ट के परिसर में गोली मार दी। इसी से जोड़कर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि रामपुर के एसपी अजयपाल शर्मा ने 6 वर्षीय बच्ची के रेपिस्ट को एनकाउंटर कर मार दिया। साथ ही इस पोस्ट को उत्तर प्रदेश चुनाव से जोड़ते हुए कहा जा रहा है कि यूपी चुनाव सिर पर हैं, लेकिन फिर भी योगी आदित्यनाथ बेख़ौफ होकर आरोपियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। यह मामला हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि करीब तीन साल पुराना है। साल 2019 में रामपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद एक शख्स नाजिल को गिरफ्तार किया था। मुठभेड़ में शख्स की मौत नहीं हुई थी, बल्कि वह घायल हुआ था और ना ही नाजिल पर गोली एसपी अजय पाल शर्मा ने चलाई थी। मुठभेड़ के दौरान एसपी अजय पाल शर्मा मौके पर मौजूद नहीं थे। इसी पुरानी घटना को अब गलत दावों से वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर कुँवर ऋषि चौहान ने वायरल पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट पर लिखा हुआ है कि देश में पहली बार यूपी पुलिस ने किसी रेपिस्ट को गोली मारी है। यूपी में सर पे चुनाव है, लेकिन बाबा जी बेख़ौफ बल्ले बाजी कर रहे। रामपुर के SP अजयपाल शर्मा जी ने 6 वर्ष की बच्ची के बलात्कारी #मुहम्मद_नाज़िल को 3गोलियां मार कर 72 हूरों के पास पहुँचा दिया’।

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

https://twitter.com/edcjai/status/1485222656127664132

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 24 जुलाई 2019 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में 7 मई 2019 को एक छह साल की बालिका गायब हो गई थी। पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो 21 जून 2019 को उसकी लाश बरामद हुई। मोहल्ले के नाजिल नाम के युवक पर बच्ची से रेप और फिर उसकी हत्या का आरोप लगा। युवक को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया, उसके पैरों में गोली लगी।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने ब्रेकिंग प्लेट पर लिखे कीवर्ड्स के जरिए यूट्यूब पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट News1 India नामक एक यूट्यूब चैनल पर 23 जून 2019 को अपलोड मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी के रामपुर में पुलिस ने रेपिस्ट को गोली मार अरेस्ट कर लिया है। वीडियो में 25 सेकेंड पर ब्रेकिंग प्लेट के वायरल स्क्रीनशॉट को देखा जा सकता है। इस पुरानी वीडियो रिपोर्ट में कहीं भी यह जिक्र नहीं है कि एनकाउंटर में युवक मारा गया।

https://www.youtube.com/watch?v=g1CJ15XH1RQ

भास्कर की दिसंबर 2021 में प्रकाशित खबर के अनुसार फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस केस पर सुनवाई करते हुए नाजिल को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद फास्ट ट्रैक के इस फैसले को इलाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट की फांसी की सजा को निस्सत करते हुए नाजिल को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता का पक्ष यह साबित करने में असफल रहा है कि पीड़िता को अंतिम बार नाजिल के साथ देखा गया था।

अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के रामपुर के ब्यूरो चीफ मुस्लीमीन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह घटना साल 2019 की है, उस समय अजय पाल रामपुर के एसपी थे, लेकिन अब उनका ट्रांसफर हो चुका है। इस समय अंकित मित्तल यहां के एसपी हैं। पुलिस ने मुठभेड़ में नाजिल नामक शख्स को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। शख्स पर गोली अजय पाल शर्मा द्वारा नहीं चलाई गई थी। वो मुठभेड़ के दौरान वहां पर नहीं थे। पुलिस द्वारा कार्रवाई कर जब उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। तब वह वहां पहुंचे थे। कुछ महीने पहले इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई थी। युवक को अदालत ने बरी कर दिया है।

पिछले साल भी यह दावा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। उस दौरान हमने वायरल दावे की पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी थी। उस समय विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे के संबंध में रामपुर के सिविल लाइंस थाने के एसएचओ से बातचीत की थी। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया था कि यह मामला पुराना है। पूरी खबर को यहां पर पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर कुँवर ऋषि चौहान चौहान की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के रहने वाले हैं। कुँवर ऋषि चौहान के फेसबुक पर चार हजार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। यह मामला हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि करीब तीन साल पुराना है। साल 2019 में रामपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद एक शख्स नाजिल को गिरफ्तार किया था। मुठभेड़ में शख्स की मौत नहीं हुई थी, बल्कि वह घायल हुआ था और ना ही नाजिल पर गोली एसपी अजय पाल शर्मा ने चलाई थी। मुठभेड़ के दौरान एसपी अजय पाल शर्मा मौके पर मौजूद नहीं थे। इसी पुरानी घटना को अब गलत दावों से वायरल किया जा रहा है।

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