विश्वास न्यूज की पड़ताल में अन्ना हजारे के नाम पर वायरल ट्वीट फर्जी निकला। उन्होंने ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। अन्ना हजारे एक बार फिर से सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बार उनके नाम पर एक ट्वीट खूब वायरल हो रहा है। इसे सच मानकर लोग लगातार शेयर कर रहे हैं। इसमें दावा किया गया कि संजय राउत के डर से अन्ना हजारे सीएम उद्धव ठाकरे से नहीं मिल पाए। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमें पता चला कि अन्ना हजारे के नाम पर वायरल ट्वीट फर्जी है। इसका अन्ना से कोई संबंध नहीं है। इसका खंडन खुद अन्ना हजारे की टीम ने विश्वास न्यूज के साथ किया।
फेसबुक यूजर रियाजत खान ने 5 सितंबर को एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट अपलोड करते हुए लिखा कि यह कितना कागजी शेर है बीजेपी के मीडिया का बनाया हुआ गीदड!
इसके साथ एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी लगाया गया। इसमें अन्ना हजारे की तस्वीर के साथ @Anna_Hazare_IND लिखा हुआ नजर आया।
कंटेंट में लिखा गया : ”जब मैं सीएम उद्धव ठाकरे के दफ्तर में धरने के लिए परमिशन लेने गया तो मुझे बाहर प्रतीक्षा करने को कहा गया..इस बीच ”संजय राउत” 4 पुलिस वालों साथ हाथ में डंडे लेकर 3 बार मेरे सामने से गुजरे तो हम वापस लौट गए। इस तरह हमको डंडों से डराना लोकतंत्र की हत्या है।”
इस पोस्ट को दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्ट का कंटेंट यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आकाईव्ड वर्जन को यहां पढ़ा जा सकता है।
अन्ना हजारे के नाम से वायरल ट्वीट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले हमने गूगल सर्च किया। हमें पता चला कि अन्ना हजारे ने उद्धव ठाकरे सरकार को आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने लोकायुक्त कानून नहीं बनाया तो वे आंदोलन करेंगे। हमें वायरल ट्वीट के संबंध में कोई खबर नहीं मिली।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने वायरल ट्वीट के ओरिजनल स्रोत को खोजना शुरू किया। ट्वीट में हमें @Anna_Hazare_IND नाम का ट्विटर हैंडल लिखा हुआ नजर आया। सर्च करने पर हमें यह अकाउंट सक्रिय मिला। इसे अगस्त 2021 को बनाया गया था। फैक्ट चेक किए जाने तक इसे दो हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते थे। इसमें अन्ना हजारे की तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया। कई ट्वीट की भाषा से यह आसानी से समझा जा सकता था कि यह फेक हैंडल है। वायरल ट्वीट भी हमें यहां मिला।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने अन्ना हजारे की टीम से ईमेल के जरिए संपर्क किया। उन्होंने हमें जानकारी दी कि वायरल ट्वीट फर्जी है। यह ट्विटर अकाउंट अन्ना हजारे का नहीं है।
पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर रियाजत खान एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं। इस अकाउंट को 2721 लोग फॉलो करते हैं, जबकि 4.9 हजार फ्रेंड हैं। यूजर राजस्थान के चूरू के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में अन्ना हजारे के नाम पर वायरल ट्वीट फर्जी निकला। उन्होंने ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया है।
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