Fact Check: ताजा नहीं है भाजपा नेता के घर से 66 डमी ईवीएम जब्त होने का मामला, वायरल पोस्ट है भ्रामक

भाजपा नेता के घर से 66 डमी ईवीएम जब्त करने का मामला दो साल पुराना है, वायरल पोस्ट भ्रामक है।

Fact Check: ताजा नहीं है भाजपा नेता के घर से 66 डमी ईवीएम जब्त होने का मामला, वायरल पोस्ट है भ्रामक

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक न्यूजपेपर की क्लिपिंग वायरल हो रही है, जिसमें खबर का शीर्षक है- “भाजपा नेता के घर से 66 नकली ईवीएम जब्त”। सोशल मीडिया पर लोग इसे ताजा घटना मान कर साझा कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल क्लिपिंग दो साल पुरानी खबर की है। खबर राजस्थान के ब्यावर से थी और साल 2018 में प्रकाशित की गई थी।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज DeshBhakt adda ने यह पोस्ट शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा — “BJP के खिलाफ एकजुट होइए !!
इस लिंक को खोलकर पेज को LIKE कीजिए
https://www.facebook.com/DeshBhaktadda/” इस पेज पर एक न्यूजपेपर क्लिपिंग शेयर की गई है, जिसका शीर्षक है- “भाजपा नेता के घर से 66 नकली ईवीएम जब्त”।

विश्वास न्यूज को वॉट्सऐप चैटबॉट नंबर 9599299372 पर भी इस पोस्ट को फैक्ट चेक करने की रिक्वेस्ट मिली।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इस क्लिपिंग को ध्यान से देखा तो हमें खबर के साथ “नवज्योति” और “ब्यावर” डेटलाइन नजर आई। इससे यह साफ हो गया कि खबर की क्लिपिंग दैनिक नवज्योति नामक अखबार से उठाई गई है।

अब हमें जानना था कि इस खबर की सच्चाई क्या है। हमने इंटरनेट पर कीवर्ड्स की मदद से इसे सर्च किया। हमें पत्रिका की वेबसाइट पर ब्यावर/अजमेर डेटलाइन के साथ एक खबर मिली। इस खबर का शीर्षक है, “पुलिस ने पकड़ी 66 प्रतीकात्मक ईवीएम प्रचार सामग्री”। यह खबर 4 दिसंबर 2018 को प्रकाशित हुई थी, जिसके अनुसार हाउसिंग बोर्ड में एक मकान से 66 डमी ईवीएम प्रचार सामग्री पकड़ी गई थी।

ज्यादा जानकारी के लिए हमने दैनिक नवज्योति अखबार के ब्यावर ब्यूरो चीफ किशन नटराज से बात की। उन्होंने बताया कि यह घटना दिसंबर 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के समय की है। शुरुआती रिपोर्ट्स में ऐसा ही सामने आया था कि पुलिस ने नकली ईवीएम जब्त की हैं, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हो गया था कि वो डमी ईवीएम थीं, जिसमें बैटरी की मदद से बटन लगाया गया था, ताकि ग्रामीणों को समझाया जा सके कि किस तरह बटन दबाने से बत्ती जलती है आदि। खबर की बॉडी में भी यह स्पष्ट किया गया था कि जब्त की गई ईवीएम नकली नहीं, बल्कि डमी ईवीएम हैं।

नटराज ने बताया कि वायरल पोस्ट भ्रमित करने वाली है। लोग इसे ताजा घटना न मानें, यह घटना दो साल पुरानी है और ब्यावर के साकेत नगर हाउसिंग बोर्ड इलाके की है जहां भाजपा मंडल अध्यक्ष शंकरसिंह भाटी के घर से यह डमी ईवीएम पकड़ी गई थीं। हालांकि, ये डमी ईवीएम थीं, इसलिए उन पर कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई थी।

हमने रविंद्र प्रताप दारा से भी संपर्क किया। दारा साल 2018 में ब्यावर में एसएचओ थे। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी ने टिप दी कि एक घर में नकली ईवीएम मशीनें रखी हैं। जब वे वहां छापा मारने गए तो पाया कि वहां ईवीएम मशीनें नहीं, बल्कि उसके जैसी दिखने वाली डमी थी, जो प्रत्याशी ने प्रचार के लिए तैयार करवाई थी। उन्होंने बताया कि यह मामला राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के समय का है और यह कोई ताजा मामला नहीं है।

फेसबुक पर इस पोस्ट को DeshBhakt adda नामक पेज ने साझा किया है। इस पेज की प्रोफाइल स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक इस पेज के कुल 1649 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: भाजपा नेता के घर से 66 डमी ईवीएम जब्त करने का मामला दो साल पुराना है, वायरल पोस्ट भ्रामक है।

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Symbols that define nature of fake news
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