Fact Check: होली के अवसर पर हास्य में लिखी गई रिपोर्ट को सच मानकर शेयर कर रहे सोशल मीडिया यूजर्स

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यूपी के सीएम चेहरे को लेकर वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट में इस्‍तेमाल की गई खबर एक मजाकिया खबर है। यह कोई असली रिपोर्ट नहीं, बल्कि होली के अवसर पर हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक खबर का स्क्रीनशॉट है।

Fact Check: होली के अवसर पर हास्य में लिखी गई रिपोर्ट को सच मानकर शेयर कर रहे सोशल मीडिया यूजर्स

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। पोस्ट में एक अखबार की कटिंग को शेयर किया जा रहा है। जिसमें लिखा हुआ है- पीएम मोदी ने पार्टी के साथ मीटिंग कर यह तय किया है कि योगी आदित्यनाथ गृह मंत्री होंगे और अमित शाह को उत्तर प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट में इस्‍तेमाल की गई खबर का सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। पड़ताल में पता चला कि यह कोई असली रिपोर्ट नहीं, बल्कि होली के अवसर पर हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक खबर का स्क्रीनशॉट है। इस खबर को राजस्थान के अखबार राजस्थान पत्रिका ने अपने जयपुर के संस्करण में पेज नंबर 17 पर होली के अवसर पर मजाकिया लहजे में छापा था, जिसे लोग अब सच समझकर शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Santosh Sharma ने वायरल दावे को शेयर किया है। अखबार की कटिंग में लिखा हुआ है, “शाह होंगे यूपी के नए सीएम! योगी होंगे नए गृहमंत्री। हाल ही चार राज्यों में धमाकेदार जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने उत्तरप्रदेश में अमित शाह को नया मुख्यमंत्री चुना है। यह चौंकाने वाला निर्णय मंगलवार को विधायक दल की बैठक के बाद लिया गया। इसके अलावा यूपी में मुख्यमंत्री का चेहरा बनकर चुनाव जीतने वाले योगी आदित्यनाथ देश के नए गृह मंत्री होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट बैठक की आपात बैठक बुलाई, जिसमें यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। अमित शाह को होली के बाद मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। मोदी पहले भी अपने फैसलों से चौंकाते रहे हैं।”

पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां पर देखा जा सकता है।

हमें ‘विश्वास न्यूज’ के चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर भी यह पोस्ट चेक करने के लिए भेजी गई। हमारे एक सच के साथी ने इस पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमें भेजा है। 

पड़ताल –

वायरल स्क्रीनशॉट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। सर्च के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। सोचने वाली बात है कि अगर सच में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के चेहरे को बदला जा रहा होता, तो इसकी चर्चा चारों तरफ होती और इससे जुड़ी कोई न कोई विश्वसनीय रिपोर्ट जरूर मौजूद होती। 20 मार्च 2022 को प्रकाशित दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह 25 मार्च को होगा। सूबे की राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 25 मार्च को शाम चार बजे से भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित देश के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में योगी आदित्यनाथ एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, योगी आदित्यनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई पोस्ट नहीं मिली।

हमने पेपर कटिंग की सच्चाई जानने के लिए एक बार फिर से गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल खबर 17 मार्च को राजस्थान पत्रिका के जयपुर के संस्करण के ई-पेपर पर प्रकाशित मिली। राजस्थान पत्रिका में होली के अवसर पर मजाकिया लहजे में पेज नंबर 17 पर एक कॉलम छापा गया था, पिचकारी से छूटी खबर। इसी में वायरल खबर मौजूद है, इस खबर के साथ-साथ कुछ और खबरों को भी मजाक के तौर पर छापा गया है।  

अधिक जानकारी के लिए हमने राजस्थान पत्रिका उत्तर प्रदेश के ब्यूरो हेड महेंद्र कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। हम होली के अवसर पर ऐसी खबरें मजाक के तौर पर प्रकाशित करते हैं। इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।

विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। फेसबुक पर यूजर के कुल 1779 फ्रेंड्स मौजूद हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में यूपी के सीएम चेहरे को लेकर वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट में इस्‍तेमाल की गई खबर एक मजाकिया खबर है। यह कोई असली रिपोर्ट नहीं, बल्कि होली के अवसर पर हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक खबर का स्क्रीनशॉट है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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