Fact Check : कांग्रेस के पूर्व सांसद से जुड़ा यह वीडियो सात साल पुराना है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो आज से सात साल यानी वर्ष 2014 का है। कांग्रेस के पूर्व सांसद का वर्ष 2015 में निधन हो चुका है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित होती है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कांग्रेस के एक पूर्व दिगवंत नेता गुरफान अली के पुराने वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्‍होंने हाल ही में राहुल गांधी के खिलाफ सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। गुरफान अली के एक पुराने वीडियो को जानबूझकर अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं, जबकि वर्ष 2015 में उनका निधन हो चुका है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक और ट्विटर पर एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि कांग्रेसी पूर्व सांसद गुरफान अली ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है और कहा है कि जब आपका बेटा किसी लायक नहीं है तो उसे जबरन नेता क्यो बना रही।

पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां और यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें हमें एबीपी न्‍यूज का पुराना लोगो दिखा, जबकि चैनल के लोगो में बदलाव हो चुका है। मतलब साफ था कि वीडियो पुराना है। इसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद गुफरान आजम को राहुल गांधी के खिलाफ बोलते हुए देखा जा सकता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने यूट्यूब में ओरिजनल वीडियो को सर्च करना शुरू किया। ओरिजनल वीडियो हमें 14 जुलाई 2014 को एबीपी न्‍यूज चैनल के यूट्यूब अकाउंट पर मिला। इसमें पूर्व सांसद गुफरान आजम को राहुल गांधी के खिलाफ बोलते हुए देखा जा सकता है, लेकिन यह सात साल पुरानी बात है।

पड़ताल के दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इससे हमें पता चला कि पूर्व सांसद गुफरान आजम का वर्ष 2015 में मुंबई में निधन हो चुका है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्‍ता अखिलेश प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो काफी पुराना है। इसका अब कोई मतलब नहीं है।

पड़ताल के अंत में हमने पुराने वीडियो को हालिया बताकर वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Puranjan Naik की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर के एक हजार से ज्‍यादा फ्रेंड हैं। ये छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो आज से सात साल यानी वर्ष 2014 का है। कांग्रेस के पूर्व सांसद का वर्ष 2015 में निधन हो चुका है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित होती है।

False
Symbols that define nature of fake news
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