विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। मध्य प्रदेश के रीवा के एक साल पुराने वीडियो को अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ पुलिसवालों को लॉकडाउल का उल्लंघन करने वालों की आरती उतारते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कर्नाटक हाईकोर्ट के पुलिस को दिए गए निर्देश के बाद पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों की आरती उतार कर उन्हें जाने दिया। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। मध्य प्रदेश के रीवा के एक साल पुराने वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है। उस वक्त रीवा पुलिस ने लोगों की आरती उतारी थी।
फेसबुक यूजर प्रसून कुमार ने 17 मई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ‘Don’t you think that our law courts have been going overboard with their interference in everything in government administration with postulations? Today the Karnataka High Court said that the police should not beat the people who violate the lockdown. Therefore the police took Aarti and let the people go. Please see the video.’
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें। एशियानेट न्यूज हिन्दी के यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को 18 मई 2021 को अपलोड किया गया। इसके अलावा हमें यह वीडियो वॉयस इंडिया न्यूज के यूट्यूब चैनल पर भी मिला। इस वीडियो को कर्नाटक का बताकर पत्रकार सुशांत सिन्हा ने भी ट्वीट किया।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाला। फिर इसे सर्च करना शुरू किया। हमें ओरिजनल वीडियो द खबरदार न्यूज नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 12 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि रीवा पुलिस ने बेवजह घर से निकलने वालों को फूलमाला पहनाकर आरती उतारी।
इसी तरह हमें यही वीडियो फेसबुक पर भी मिला। भोपाल नाम के एक फेसबुक पर इस वीडियो को 11 अप्रैल 2020 को पोस्ट करते हुए इसे रीवा का बताया गया।
जांच के दौरान हमें नईदुनिया डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 3 अप्रैल 2020 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि सड़क पर बिना कारण के घूमने वाले लोगों को पुलिस द्वारा फूलों की माला पहनाने के बाद चंदन लगाकर श्रीफल सौंपने के साथ ही आरती भी उतारी गई। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने नईदुनिया रीवा के पत्रकार श्याम मिश्रा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो एक वर्ष पुराना है। यह वीडियो रीवा के सिरमौर का चौक है। उस वक्त पुलिस कप्तान आबिद खान हुआ करते थे। उनके निर्देश पर डीसीपी मनोज वर्मा, सूबेदार दिलीप तिवारी, एएसपी शिव कुमार वर्मा ने शाम को लोगों की आरती उतारी थी।
जांच के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर कोलकाता में रहता है। उसकी अधिकांश पोस्ट बांग्ला में होती है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। मध्य प्रदेश के रीवा के एक साल पुराने वीडियो को अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं।
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