Fact Check : पुलिस की बदसलूकी का यह वीडियो दो साल पुराना है, इसे अब किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वीडियो पुराना है। लखनऊ में 2018 में एक पुलिसकर्मी ने ऑटोचालक के साथ बदसलूकी की थी। उसी घटना के वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया में इनदिनों एक व्‍यक्ति के साथ पुलिस की बदसलूकी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक पुलिसकर्मी सड़क किनारे एक आदमी को लातों से मारते हुए दिख रहा है। सोशल मीडिया में यूजर्स इस वीडियो को हाल-फिलहाल का समझकर वायरल कर रहे हैं। वीडियो के बहाने पुलिस और सरकार पर निशाना साधा जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वीडियो पुराना है। लखनऊ में 2018 में एक पुलिसकर्मी ने ऑटोचालक के साथ बदसलूकी की थी। उसी घटना के वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर बिटटू पाराशर ने 12 मई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : “थोड़ा फेमस तो करिए साहब को देखिए किस तरह बिना रूके लात जूते उसे बरसा रहे हैं।”

इस वीडियो को अब तक 16 हजार लोग शेयर कर चुके हैं। कई यूजर्स इस वीडियो को मजूदरों का समझकर लगातार कमेंट कर रहे हैं।

इसी तरी फेसबुक यूजर राहुल राजभर ने 19 मई को इसी वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : “#इतनीनफरत क्यो है #साहेब. हमें #घर जाना है साहेब. इतना #गुस्सा क्यों है साहेब. ऐसा लगता है जैसे #योगीमोदी_सरकार ने #गरीबों के खिलाफ जंग छेड दिया।”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो का एनालिसिस किया। वीडियो में दिख रहे पुलिसवाले और सड़क पर पड़े युवक की भाषा से हमें अंदाजा हुआ कि यह वीडियो यूपी का होना चाहिए, क्‍योंकि ये दोनों खड़ी बोली में बात कर रहे थे, जो कि लखनऊ के आसपास बोली जाती है।

इसके बाद हमने इस वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले। इसके बाद इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें नवभारत टाइम्‍स की वेबसाइट पर एक खबर मिली। खबर में हमें वही पुलिसवाला और युवक दिखा, जो वायरल वीडियो में था। खबर को 25 अगस्‍त 2018 को प्रकाशित किया गया था। खबर के अनुसार, यह घटना लखनऊ में हुई थी। जिस युवक की पिटाई हुई थी, वह ऑटो ड्राइवर था। उस वक्‍त यह वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी पुलिसकर्मी आनंद प्रताप सिंह और पीआरवी इंचार्ज को सस्‍पेंड कर दिया गया था।

खबर के मुताबिक, “लखनऊ के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे और टेढ़ी पुलिया चौराहे के बीच रिंग रोड पर एक ऑटो ने एक रिक्शे को टक्कर मारी। जिससे रिक्शे पर बैठी महिला के साथ उनकी बेटी नीचे गिर गई। जिसके बाद वहां विवाद होने लगा। घटना की सूचना मिलने पर मड़ियांव थाने की पीआरवी 0495 पर तैनात आरक्षी आनंद प्रताप सिंह कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंचा। ऑटोचालक को नशे में देखकर आरोपी आनंद ने उसे पहले तो लात-घूंसों से जमकर पीटा फिर उसे घसीटकर सड़क के किनारे डिवाइडर के पास ले गया। इसके बाद आनंद ने उसके सीने पर जूता रखकर उससे पूछताछ की।”

पूरी खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर ज्ञान मिश्रा के जरिए लखनऊ के पुलिस कमिश्‍नर सुजीत पांडेय से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि ये पुराना मामला है। संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। इसका वर्तमान में लखनऊ कमिश्नरेट से कोई संबंध नहीं है।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर बिहार का रहने वाला है। इस अकाउंट को दिसंबर 2015 को बनाया गया था। इसे 1032 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वीडियो पुराना है। लखनऊ में 2018 में एक पुलिसकर्मी ने ऑटोचालक के साथ बदसलूकी की थी। उसी घटना के वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट