Fact Check : इंसान के पास सोते हुए चीतों का यह वीडियो राजस्‍थान का नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका का है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राजस्‍थान के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। इंसान के साथ चीतों का वायरल वीडियो दक्षिण अफ्रीका के एक ब्रीडिंग सेंटर का है। इस राजस्‍थान से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक बार फिर से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ चीतों को एक इंसान के पास सोते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को राजस्‍थान के एक मंदिर का बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी इस वीडियो की पड़ताल कर चुका है। जांच में पता चला कि वायरल वीडियो का संबंध राजस्‍थान से नहीं, बल्कि साउथ अफ्रीका के चीता ब्रीडिंग सेंटर से है। यह वीडियो 2019 में साउथ अफ्रीका के ब्रीडिंग सेंटर में बनाया गया था।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अश्विनी दास ने 23 जनवरी को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘राजस्थान के सिरोही गांव में पिपलेश्वर महादेव का मंदिर है जहां पर रात को पुजारी के पास चीत्ते का परिवार आकर सोता है. सरकारी वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट को जब यह पता लगा तो उन्होंने वहां सीसी टीवी कैमरे लगाए. आप भी देखिए यह खूबसूरत दृश्य….’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे यूजर्स फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और यूट्यूब पर भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने राजस्‍थान के नाम पर वायरल वीडियो का सच जानने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल की मदद ली। InVID टूल में वायरल वीडियो को अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब निकाला गया। इसके बाद इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया गया। ओरिजनल वीडियो हमें कई यूट्यूब चैनल पर मिलें। 21 जनवरी 2019 को डॉल्‍फ सी वोल्‍कर नाम के एक यूट्यूब चैनल पर ओरिजनल वीडियो को अपलोड किया गया। इसमें लिखा गया कि यह साउथ अफ्रीका के चीता ब्रीडिंग सेंटर का वीडियो है। स्‍पेशल परमिशन से उन्‍हें इन चीता के साथ रात गुजारने को मिली। ओरिजनल वीडियो की अवधि 6:45 मिनट की है। पूरा वीडियो यहां देखें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने उदयपुर के वरिष्‍ठ पत्रकार सुभाष शर्मा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि सिरोही ही नहीं, पूरे भारत में एक भी चीता नहीं है। ये वीडियो किसी अन्य देश का है। पिछले साल भी वायरल हुआ था।

विश्‍वास न्‍यूज की पुरानी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर अश्विनी दास के चार हजार से ज्‍यादा दोस्‍त हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राजस्‍थान के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। इंसान के साथ चीतों का वायरल वीडियो दक्षिण अफ्रीका के एक ब्रीडिंग सेंटर का है। इस राजस्‍थान से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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