Fact Check : जमीन पर लड्डुओं के फेंकने के इस वीडियो का राम मंदिर के चंदे से नहीं है कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। अयोध्‍या के एक वीडियो को कुछ लोग राम मंदिर के चंदे के नाम पर जोड़कर वायरल कर रहे हैं, जबकि पूरा बवाल हनुमानगढ़ी के साधुओं और प्रसाद विक्रेताओं के बीच घटिया क्‍वालिटी के लड्डुओं को लेकर हुआ था। इसका राम मंदिर के चंदे से कोई संबंध नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक शख्‍स को मिठाइयों की दुकान से लड्डू फेंकते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि राम मंदिर के लिए चंदा नहीं देने पर दुकानदारों के साथ ऐसा किया गया। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। अयोध्‍या के हनुमानगढ़ी में साधुओं और प्रसाद विक्रेताओं के बीच घटिया क्‍वालिटी के लड्डुओं को लेकर बवाल हुआ था। इसका राम मंदिर के चंदे से कोई ताल्लुकात नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर रमेश कन्‍नन ने एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया कि राम मंदिर के लिए दान नहीं देने पर मिठाई की दुकान पर यह सब हुआ। इस वीडियो में एक शख्‍स को प्रसाद की थाली को जमीन पर फेंकते हुए देखा जा सकता है।

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाले। इसके बाद इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया। शुरुआती सर्च में ही हमें जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 30 जून को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि अयोध्‍या में बजरंगबली की प्रधान पीठ हनुमानगढ़ी में प्रसाद के रूप में लड्डू की क्‍वालिटी खराब होने का आरोप लगाकर नागा साधु ने दो दुकानों से लड्डू लेकर फेंक दिए। खबर में आगे बताया गया कि हनुमानगढ़ी में प्रसाद के रूप में जो लड्डू ले जाए गए, उनकी क्वालिटी घटिया होने की शिकायत पर पुजारियों ने हनुमान जी के लिए यह प्रसाद स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद हनुमानगढ़ी से बाहर आए साधुओं के जत्थे ने व्यापारियों से यह लड्डू ना बेचने और उसे फेंक देने का आह्वान किया। प्रसाद विक्रेताओं ने किंचित हीला-हवाली की तो कतिपय आक्रोशित नागा साधु ने दो दुकानों से लड्डू बाहर निकाल कर सड़क पर फेंक दिया।

पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के दौरान हमें टीवी9 भारतवर्ष के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसे एक जुलाई को अपलोड किया गया। इसमें बताया गया कि अयोध्या में हनुमानगढ़ी के साधु और संत और प्रसाद विक्रेता आमने-सामने हो गए। हनुमानगढ़ी के प्रसाद विक्रेताओं पर घटिया किस्म के लड्डू निर्माण का आरोप लगाने के बाद कुछ साधु-संतों ने लड्डू के थाल को सड़कों पर फेंक दिया और प्रसाद विक्रेताओं से अभद्रता की।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने दैनिक जागरण अयोध्‍या के ब्‍यूरो चीफ रामशरण अवस्‍थी से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो अयोध्‍या का ही है। लेकिन इसके साथ किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल हनुमानगढ़ी के साधुओं का आरोप था कि लॉकडाउन में लंबे समय तक दुकानें बंद रहने के बाद दुकानदार बासी लड्डू प्रसाद के तौर पर श्रद्धालुओं को बेच रहे थे। इसके बाद पूरा बवाल शुरू हुआ।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर रमेश कन्‍नन दक्षिण भारत के रहने वाले हैं। वर्तमान में वे दिल्‍ली में रहते हैं। इस अकाउंट को 2012 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। अयोध्‍या के एक वीडियो को कुछ लोग राम मंदिर के चंदे के नाम पर जोड़कर वायरल कर रहे हैं, जबकि पूरा बवाल हनुमानगढ़ी के साधुओं और प्रसाद विक्रेताओं के बीच घटिया क्‍वालिटी के लड्डुओं को लेकर हुआ था। इसका राम मंदिर के चंदे से कोई संबंध नहीं है।

False
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