Fact Check : जेसीबी से गौवंश की हत्‍या के इस वीडियो का नहीं है यूपी से कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। पुणे की घटना से जुड़े एक पुराने वीडियो को अब यूपी के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूपी में योगी आदित्‍यनाथ की सरकार बनने के बाद से सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक जेसीबी से गौवंश की हत्‍या करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधते हुए वायरल वीडियो को यूपी का बता रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। यह महाराष्‍ट्र के पुणे का पुराना वीडियो निकला। यूपी के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सिंघम यादव ने 26 मार्च को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘बुलडोजर बाबा के राज में देखो क्या हो रहा है गौ माता पर चढ़ा बाबा का बुलडोजर अब बोलो बुलडोजर बाबा जिंदाबाद योगी सरकार मुर्दाबाद शर्म करो रे गद्देदार और यह बोला जाता है कट्टर हिंदू!’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच के लिए सबसे पहले वीडियो को InVID टूल में अपलोड किया। इसके बाद कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। वायरल वीडियो का एक ग्रैब हमें दैनिक भास्‍कर डॉट कॉम की वेबसाइट पर पब्लिश पुरानी खबर में मिला। दो साल पहले प्रकाशित इस खबर में बताया गया कि पुणे से 10 किलोमीटर दूर एक गांव में एक व्‍यक्ति ने जेसीबी से एक बैल की हत्‍या कर दी, जिसके बाद दो लोगों पर केस भी दर्ज किया गया। खबर में बताया गया कि एक कुत्ते के काटने से एक बैल पागल हो गया था। जिसके बाद गांववालों ने उसे खत्‍म करने का फैसला लिया। जेसीबी से मारने के बाद बैल को एक खेत में गाड़ दिया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें।

संबंधित घटना से जुड़ी खबर को मिड डे ने भी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित की थी। इसे यहां पढ़ा जा सकता है। घटना पुणे के इंदापुर तालुका के एक गांव की थी।

चूंकि, वीडियो यूपी के नाम से वायरल है तो सच जानने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने यूपी पुलिस के फैक्‍ट चेक ट्विटर हैंडल का रूख किया। वहां 27 मार्च को जानकारी देते हुए बताया गया कि वायरल वीडियो उoप्रo से न होकर थाना भिगवान,जनपद पुणे, महाराष्ट्र से संबंधित है। ट्वीट यहां देखें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए पुणे के वरिष्‍ठ पत्रकार अलीम शेख से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो पुणे का है। यह पुरानी घटना थी।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर सिंघम यादव युवा भाई की सोशल स्‍कैनिंग की गई। जांच में पता चला कि यूजर झारखंड में रहते हैं। इस अकाउंट को मई 2021 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। पुणे की घटना से जुड़े एक पुराने वीडियो को अब यूपी के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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