विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। इस कंबल वितरण समारोह को डिजिटल साक्षरता संसथान नाम के एक NGO ने ऑर्गनाइस किया था, किसी पोलिटिकल पार्टी ने नहीं। वीडियो में व्हीलचेयर से उठ कर चलता दिख रहा व्यक्ति भी 40 प्रतिशत विव्यांग है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर आज कल 26 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें व्हीलचेयर पर बैठे एक व्यक्ति को एक कंबल लेते देखा जा सकता है। वीडियो में व्हीलचेयर पर बैठा व्यक्ति अपने आपको दिव्यांग बताता है और अपना नाम रमेश सिंह बताता है। वीडियो के अंत में ये व्यक्ति व्हीलचेयर से उठकर चलता हुआ नज़र आ रहा है। इस वीडियो को ये कहकर वायरल किया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस कार्यक्रम का मंचन किया था और दिव्यांगों को कंबल बांटने के नाम पर सही-सलामत लोगों को दिव्यांग बता कर कंबल बांटने का ढोंग किया था।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। इस कंबल वितरण समारोह को 19
जनवरी 2020 को डिजिटल साक्षरता संस्थान नाम के एक NGO ने ऑर्गनाइज किया था, किसी पॉलिटिकल पार्टी ने नहीं। वीडियो में व्हीलचेयर से उठ कर चलता दिख रहा व्यक्ति भी 40 प्रतिशत दिव्यांग है।
26 सेकंड के इस वायरल वीडियो में व्हीलचेयर पर बैठे एक व्यक्ति को एक कंबल लेते देखा जा सकता है। वीडियो में व्हीलचेयर पर बैठा व्यक्ति अपने आपको दिव्यांग बताता है और अपना नाम रमेश सिंह बताता है। वीडियो के अंत में ये व्यक्ति व्हीलचेयर से उठकर चलता हुआ नज़र आ रहा है।
इस वीडियो के साथ डिस्क्रिशन में लिखा है ‘BJP distributing blankets to the disabled people, before turning off the camera the disabled walked away. 🤣🤣🤣’ जिसका हिंदी अनुवाद होता है ‘बीजेपी ने विकलांगों को कंबल बांटे, कैमरा बंद होने से पहले ही विकलांग चलने लगे। 🤣🤣🤣’
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस वीडियो को ठीक से देखा। वीडियो में पीछे एक बैनर लगा दिखाई दिया। इस बैनर के ऊपर डिजिटल साक्षरता संस्थान लिखा देखा जा सकता है।
अब हमने इंटरनेट पर डिजिटल साक्षरता संस्थान सर्च किया तो पता चला कि ये उत्तर प्रदेश के बिजनौर में स्थित एक NGO है। ढूंढ़ने पर हमें डिजिटल साक्षरता संस्थान NGO का फेसबुक पेज मिला। इस पेज पर ऊपर ही हमें अभीतक नाम के एक चैनल का वीडियो दिखा, जिसे इस पेज ने शेयर किया था। वीडियो में इसी वायरल वीडियो के बारे में बताया गया था। वीडियो के मुताबिक, इस व्यक्ति का नाम रमेश सिंह है और ये 40 प्रतिशत दिव्यांग है। इस पेज पर कम्बल वितरण आयोजन के और भी कई वीडियो और फोटो थे। सभी में इन लोगों को एक व्हीलचेयर पर बिठा कर कम्बल बांटे जा रहे थे। ज़्यादातर लोग चल कर आ रहे थे और फिर व्हीलचेयर पर बैठ कर फोटो खिंचवा रहे थे। पर सबकी चाल में फर्क साफ़ नज़र आ रहा था।
इसके बाद हमने इस NGO के संचालक रवि सैनी से बात की। उन्होंने कहा, “यह वीडियो 19 जनवरी का है जब हमने बिजनौर के स्योहारा में कंबल वितरण समारोह ऑर्गनाइज किया था। इस कार्यक्रम में रमेश सिंह को भी कंबल दिया गया था। रमेश 40 प्रतिशत दिव्यांग हैं। डिजिटल साक्षरता संस्थान एक NGO है, जिसका किसी पॉलिटिकल पार्टी से कोई संबंध नहीं है। यह कार्यकर्म भी किसी पॉलिटिकल पार्टी ने नहीं, डिजिटल साक्षरता संस्थान NGO ने खुद ऑर्गनाइज किया था।” उन्होंने हमारे साथ राजेश सिंह का दिव्यांग आईडी भी शेयर किया।
इसके बाद हमने अभीतक न्यूज़ चैनल के फोटो जर्नलिस्ट निज़ाम अहमद से बात की। उन्होंने हमें बताया, “यह कार्यक्रम डिजिटल साक्षरता संस्थान NGO ने स्योहारा में ऑर्गनाइज किया था। मेरी जानकारी में इस कार्यक्रम में किसी पॉलिटिकल पार्टी का हाथ नहीं था। साथ ही, वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भी दिव्यांग था। उस दिन सभी दिव्यांगों को व्हीलचेयर पर बिठा कर कंबल दिए जा रहे थे। इनमें से कई दिखने में हृष्टपुष्ट लग रहे थे मगर उनकी चाल में फर्क था। मैंने खुद रमेश सिंह का इंटरव्यू किया था। उनकी टाँगें 40 प्रतिशत ख़राब हैं।”
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Ahmed Ali Papa नाम का यूजर। इस प्रोफाइल के अनुसार, यूजर चेन्नई का रहने वाला है मगर अभी कुवैत में रहता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। इस कंबल वितरण समारोह को डिजिटल साक्षरता संसथान नाम के एक NGO ने ऑर्गनाइस किया था, किसी पोलिटिकल पार्टी ने नहीं। वीडियो में व्हीलचेयर से उठ कर चलता दिख रहा व्यक्ति भी 40 प्रतिशत विव्यांग है।
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