नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति को एक डब्बे से पत्र को निकालते हुए देखा जा सकता है, जिस पर किसी प्राचीन लिपि को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह पत्र अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर खुदाई के दौरान मिला है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा पूरी तरह से गलत निकला। वायरल हो रहे वीडियो में नजर आ रहा पत्र किसी अन्य जगह पर हुई पुरातात्विक खुदाई से प्राप्त है, जिसे अयोध्या में राम मंदिर के लिए हो रही खुदाई से जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”राम जन्मभूमि स्थल पर खुदाई के दौरान मिला तांबे का पत्ता – 488 साल इंतजार की सही परिणति…
जय श्री राम।”
कई अन्य यूजर्स ने सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह वीडियो ‘define.avcilari’ नामक इंस्टाग्राम पेज पर मिला।
करीब 63 हफ्ते पहले अपलोड किए गए इस वीडियो में किसी भी स्थान के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। इस पेज पर अनगिनत पुरातात्विक मुहरें, मनके, आभूषणों और अन्य सामग्रियों की तस्वीरें देखी जा सकती है।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई खबरें मिली, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव की खुदाई के शुरू किए जाने का जिक्र है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, आठ सितंबर 2020 को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव की खुदाई शुरू हुई थी।
हालांकि न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें खुदाई के दौरान ऐसे किसी पत्र या हस्तलिपि के मिलने का जिक्र हो। वायरल हो रहे वीडियो को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के अयोध्या प्रभारी रमाशरण अवस्थी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह वीडियो अयोध्या से संबंधित नहीं है। यहां मंदिर की नींव के लिए हुई खुदाई के दौरान ऐसा कुछ नहीं मिला है।’
इससे पहले भी सोशल मीडिया पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़ी गलत तस्वीरें और वीडियो वायरल होती रही हैं, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज करता रहा है।
निष्कर्ष: राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई के दौरान मिले प्राचीन पत्र के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो अयोध्या से संबंधित नहीं है। किसी अन्य जगह के वीडियो को अयोध्या के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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