Fact Check: किसान आंदोलन का नहीं, इंडोनेशिया में हुई पुलिस ट्रेनिंग का है ये वीडियो

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो का किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो इंडोनेशिया का है और 2023 का है, जब इंडोनेशिया की पुलिस ने पुलिसकर्मियों की क्राइसिस मैनेजमेंट तैयारी दिखाने के लिए यह ड्रिल की थी।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगों को लेकर किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर आंदोलन पर बैठे हैं। इसी को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें भीड़ को पुलिस पर हमला करते देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो हालिया किसान आंदोलन का है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो का किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो इंडोनेशिया का है और 2023 का है, जब इंडोनेशिया की पुलिस ने पुलिसकर्मियों की क्राइसिस मैनेजमेंट तैयारी दिखाने के लिए यह ड्रिल की थी।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर Îtz Mūññå Mēwātî (इत्ज मुन्ना मेवाती) ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “Kisan aandolan mein ladai ho rahi hai bahut bhayankar se Aaj ki sacchi khabar hai (किसान आंदोलन में लड़ाई हो रही है बहुत भयंकर से आज की सच्ची खबर है)”

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने  वीडियो के स्क्रीनशॉट लिए। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल की मदद से सर्च किया। हमें इसे लेकर गूगल पर कोई खास रिजल्ट्स नहीं मिले।

इसके बाद हमने इन स्क्रीनशॉट्स को यांडेक्स ब्राउजर पर रिवर्स इमेज सर्च से ढूंढा। हमें यह स्क्रीनशॉट इंडोनेशियन  न्यूज वेबसाइट koranmalut dot को डॉट आईडी की 12 अक्टूबर 2023 की एक खबर में मिली। खबर के अनुसार, यह स्क्रीनशॉट एक पुलिस सिमुलेशन एक्सरसाइज का है, जिसके तहत इंडोनेशिया इलेक्शन 2024 की तैयारियों को दिखाया गया है।

 

इस खबर में मौजूद स्क्रीनशॉट में पीछे लगा बैनर काफी साफ़ दिख रहा है। हमने ठीक से सर्च किया तो पाया कि इसके ऊपर इंडोनेशियाई  भाषा में लिखा है, “SIMULASI SISPAMΚΟΤΑΣ SULA” जिसका हिंदी अनुवाद होता है- “पुलिस सिमुलेशन सुला”. सुला इंडोनेशिया का एक रीजन है।

पुलिस सिमुलेशन के बारे में ढूंढ़ने पर हमें पता लगा कि यह एक प्रकार की मॉक ड्रिल एक्सरसाइज होती है, जहां अपेक्षित और अप्रत्याशित दोनों स्थितियों  से निपटने की तैयारियों  को चेक किया जाता है। हमें इंडोनेशिया में इस तरह की पुलिस सिमुलेशन एक्सरसाइज के कई वीडियो और खबरें मिले।

अब ये तो साफ़ था कि वीडियो भारत का नहीं है, मगर हमें देखना था कि क्या पुलिस और  किसानों के बीच हाल के प्रदर्शन के दौरान ऐसी कोई झड़प हुई है? ढूंढ़ने पर 13 फरवरी 2024 से आज तक के बीच में हमें कम से कम 2 ऐसे मामले मिले, जहाँ पुलिस और आंदोलनकारियों  के बीच झड़प हुई।

बिज़नेस स्टैण्डर्ड की 14 फरवरी 2024 की खबर के अनुसार “आंदोलनकारियों ने दावा किया कि सुरक्षा कर्मियों ने बुधवार सुबह अंबाला के पास शंभू सीमा पर किसानों पर कुछ आंसू गैस के गोले दागे, क्योंकि किसान अपना ‘दिल्ली चलो’ विरोध फिर से शुरू करने के लिए वहां एकत्र हुए थे।”

NDTV की 23 फरवरी 2024 की खबर के अनुसार, “हरियाणा के हिसार के खेड़ी चौपाटी में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच शुक्रवार को हुई झड़प में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया।”

हमने इस मामले में किसान आंदोलन को कवर करने वाले दैनिक जागरण के रिपोर्टर दीपक मुद्गिल से बात की। उन्होंने कहा, “यह वीडियो किसान आंदोलन का नहीं है, मगर किसान आंदोलन के दौरान भी पुलिस  और आंदोलनकारियों के बीच झड़प हुई थी।”

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर इत्ज मुन्ना मेवाती को लगभग 9 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो का किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो इंडोनेशिया का है और 2023 का है, जब इंडोनेशिया की पुलिस ने पुलिसकर्मियों की क्राइसिस मैनेजमेंट तैयारी दिखाने के लिए यह ड्रिल की थी।

False
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