Fact Check: यह वीडियो किसी छापे का नहीं, एक कलाकार की कल्पना है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)।  सोशल मीडिया पर आज कल एक खबर वायरल हो रही है जिसमें नोटों की कई गड्डियां देखी जा सकती हैं। इस पोस्ट के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार, कर्नाटक कांग्रेस के मंत्री डी के शिवकुमार के घर एक रेड पड़ी है जिसमें ये सारी रकम वसूल की गई है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह वीडियो स्पेन स्थित एक आर्टिस्ट का है। यह सारे नोट हैंड प्रिंटेड यानी कि हाथ से बने हुए हैं।

Claim

वायरल हो रहे वीडियो में नोटों की कई गड्डियां देखी जा सकती हैं जिसमें से कुछ नोट जले हुए हैं। पोस्ट के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “दिल्ली में कर्नाटक कांग्रेस मंत्री डी के शिव कुमार के सफदरजंग एन्क्लेव वाले बंगले पर छापा मारा रुपया को जलाने का प्रयास भी किया गया आप देखिए तो रुपयों की फैक्ट्री खुली हुई है”

Fact Check

पड़ताल को शुरू करने के लिए सबसे पहले इस वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट्स लेकर उसे Invid टूल पर डाला। इस टूल पर डालने पर हमारे हाथ एक वीडियो लगा जो कि अलेग्जैंड्रो मांगो नामक स्पेनिश आर्टिस्ट है। हमने पाया कि अलेग्जैंड्रो मांगो स्पेन के बहुत बड़े आर्टिस्ट हैं और उनके इंस्टाग्राम पेज पर हमें यह वीडियो मिल भी गया। हमारी पड़ताल में हमारे हाथ अलेग्जैंड्रो मांगो का AFP को दिया हुआ एक इंटरव्यू मिला जिसमें उन्होंने लिखा था।

“इस वीडियो को ArtMadrid art fair 2018 में एक विजिटर द्वारा शूट किया गया था। इसी वीडियो को एक डच वेबसाइट ने बिना किसी डिस्क्रिप्शन के छाप दिया और इसी वीडियो को दुनिया भर में गलत डिस्क्रिप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है।”

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उन्होंने कहा कि इस स्कल्पचर को उनके इंस्टाग्राम पेज पर 1 साल पहले पब्लिश किया गया था, जहां पर इस इन्स्टॉलेशन के प्रोडक्शन प्रॉसेस का पूरा डॉक्युमेंटेशन है। उन्होंने बताया कि इस स्कल्पचर को किशमिश और लकड़ी से बनाया गया है और नोटों पर कलर पेंसिल और हाथ से कारीगरी की गई है। इस इन्स्टॉलेशन का नाम था ‘दी यूरोपीयन ग्रीन 2’ और इसको डिस्प्ले किया गया था 2018 में आयोजित 8 मैड्रिड कंटेंपरेरी आर्ट फेस्टिवल में जो 21 से 25 फरवरी 2018 तक चला था।

इस खबर की और पुष्टि के लिए हमने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में बात की और हमें बताया गया कि डी के शिवकुमार के बेंगलुरु स्थित घर पर 2017 में छपा मारा गया था और इस छापे की कोई वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं की गयी थी।

इस वीडियो को Nisha Sharma नामक एक फेसबुक यूजर ने शेयर किया था।उनके प्रोफइल के अनुसार, वे राजस्थान की रहने वाली हैं। इनके पोस्ट्स को स्कैन करने पर हमने पाया कि इनके ज़्यादातर पोस्ट्स एक विशेष पार्टी के पक्ष में हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो किसी रेड का नहीं है, बल्कि एक कलाकार के कला की कल्पना है।

पूरा सच जानें…

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False
Symbols that define nature of fake news
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