Fact Check: सबसे बड़े तुलसी के पौधे का दावा करने वाली यह पोस्ट फर्जी है

विश्वास न्यूज की पड़ताल में कर्नाटक में तुलसी का दुनिया का सबसे बड़ा पेड़ मिलने का दावा फर्जी निकला है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पेड़ की तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह कर्नाटक स्थित तुलसी का दुनिया का सबसे बड़ा पेड़ है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि यह दावा फर्जी है। तस्वीर में दिख रहा पेड़ तुलसी नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में

सोशल मीडिया पर एक पेड़ की तस्वीर शेयर की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि तुलसी का दुनिया का सबसे बड़ा पौधा है, जो कर्नाटक में मिला है। डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “विश्व का सबसे बड़ा तुलसी जी का पेड़ जो कि भारत के कर्नाटक राज्य के बिलिगिरांगना बेट्टा में है! 🙏🙏🙏शुभ रात्रि 🙏💐जयसियाराम💐”

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड सर्च की मदद ली। कीवर्ड्स के साथ खोजने पर हमें तुलसी को लेकर guinnessworldrecords.com पर एक पोस्ट मिली। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट के अनुसार, दुनिया में सबसे लम्बे तुलसी पौधे का रिकॉर्ड ग्रीस की एक महिला के घर में लगे तुलसी के पौधे का है। इसकी लम्बाई 10 फ़ीट 11.5 इंच है। वेबसाइट में पौधे की तस्वीर भी है, जो वायरल तस्वीर से बिल्कुल अलग है।

mathrubhumi.com पर 2020 में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, तमिलनाडु के एक व्यक्ति के घर में लगे तुलसी के पौधे की लम्बाई 11 फ़ीट 1 इंच है। खबर के अनुसार, यह व्यक्ति गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को अप्रोच करने वाला है। इस खबर में भी पौधे की तस्वीर लगी थी, जो वायरल तस्वीर से बिल्कुल अलग है।

ecoindia.com के अनुसार, तुलसी के पौधे की लम्बाई आम तौर पर 75 – 90 cm के बीच होती है।

ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने दिल्ली विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग की सेवानिवृत्त प्रोफेसर आर गीता से बात की। उन्होंने हमें बताया, “Ocimum tenuiflorum, जिसे आमतौर पर तुलसी के रूप में जाना जाता है, लैमियासी परिवार का एक पौधा है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में मूल रूप से पाया जाता है और पूरे दक्षिण-पूर्व एशियाई उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मेडिसिनल कारणों से इसे उगाया जाता है। इसकी औसतन अधिकतम ऊंचाई 3 फ़ीट तक होती है, मगर कई बार यह 6 फ़ीट या उससे ज़्यादा तक भी बढ़ जाता है। तस्वीर में दिख रहा पेड़ तुलसी का नहीं है। तुलसी का पौधा कभी पेड़ की शक्ल नहीं ले सकता।”

विश्वास न्यूज ने इस वायरल पोस्ट की पुष्टि के लिए एनडीएमसी के असिस्टेंट डायरेक्टर (हार्टिकल्चर) नीरज कांत से भी बात की थी। उन्होंने कहा, ‘तस्वीर में दिख रहा पेड़ तुलसी का नहीं है। तुलसी कभी इतनी बड़ी नहीं हो सकती। यह फर्जी है।’

इस पोस्ट को फेसबुक पर ‘रामभक्त पं. हर्षित अवस्थी’‎ नाम के यूजर ने ‘श्री रामचरितमानस प्रेमी🚩🚩’ नाम के पेज पर शेयर किया था। इस पेज के 754.2K मेंबर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में कर्नाटक में तुलसी का दुनिया का सबसे बड़ा पेड़ मिलने का दावा फर्जी निकला है।

False
Symbols that define nature of fake news
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