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Fact Check : हरियाणा हिंसा के नाम पर वायरल की जा रही यह तस्वीर पुरानी है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित होती है। जिस तस्वीर को हालिया नूंह हिंसा का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह साल भर से अधिक समय से इंटरनेट पर मौजूद है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। हरियाणा के मेवात जिले के नूंह में भड़की हिंसा के बाद प्रदेश सरकार ने अतिक्रमण अभियान चलाया था। हालांकि, सोमवार को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए बुलडोजर पर रोक लगा दी है। इसी बीच एक तस्वीर को शेयर कर इसे नूंह में हुए अतिक्रमण का बताकर वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल, यह तस्वीर साल 2022 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। तस्वीर को हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा से जोड़ते हुए गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘मोदी-योगी समर्थकों का मंच’ पर राकेश वर्मा नाम के यूजर ने (आकाईव वर्जन) 6 अगस्त को एक तस्वीर को पोस्‍ट करते हुए लिखा, “अगली शोभायात्रा के लिए पत्थरों का इंतजाम करते खट्टर साहब.. सबका साथ सबका विकास।

देर से ही सही , आया तो बाबाजी का buldozer ही काम ।”

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर की जांच के लिए सबसे पहले गूगल लेंस का इस्तेमाल किया। हमें वायरल तस्वीर कई न्यूज वेबसाइट पर मिली। सर्च के दौरान हमें ‘दस्तक हिंदुस्तान’ की वेबसाइट पर वायरल तस्वीर से जुड़ी खबर प्रकाशित मिली। 17 दिसंबर 2022 को प्रकाशित खबर में इसे लखनऊ का बताया गया है।

सर्च के दौरान हमें कई ऐसी खबरें भी मिली, जिसमें इस अतिक्रमण को कानपुर का बताया गया है। ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ पर 4 जून 2022 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए इसे कानपुर का बताया गया है। तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को कथित तौर पर बाजार बंद को लेकर अलग-अलग समुदायों के दो समूहों के बीच झड़प के बाद कानपुर में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई।”

पड़ताल में हमें आनंदबाजार पत्रिका में भी 17 जून 2022 को तस्वीर से जुड़ी खबर मिली। इसमें कई अन्य तस्वीरें भी मौजूद हैं। कई अन्य खबरों में भी तस्वीर से जुड़ी खबर को पढ़ा जा सकता है।

कई न्यूज वेबसाइट पर वायरल तस्वीर से जुड़ी खबर को साल 2023 में उत्तर प्रदेश के नाम से प्रकाशित खबर में देखा जा सकता है।

जांच में आगे हमने हरियाणा अतिक्रमण के बारे में सर्च किया। पता चला कि बीते दिनों हुई हिंसा की वजह से हरियाणा सरकार की ओर से नूंह में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई शुरू की गई थी, जिस पर हाई कोर्ट ने नूंह में अतिक्रमण हटाने व निर्माण गिराने पर संज्ञान लेकर हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया। हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले में कम्युनिटी विशेष को टारगेट किया जा रहा है, किसी भी निर्माण को गिराने से पहले क्या नोटिस जारी करने की प्रक्रिया का सरकार ने पालन किया है।”

विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता कि  वायरल तस्वीर कब और कहां की है। पर हमारी पड़ताल से यह बात साफ़ हुई कि तस्वीर पुरानी है और हालिया नूंह हिंसा से इसका कोई संबंध नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण नोएडा के इनपुट इंचार्ज मनु त्यागी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने बताया, “हरियाणा के नूंह में अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चलाया गया था, पर वायरल तस्वीर वहां की नहीं है।

पहले भी नूंह हिंसा के नाम पर कई फर्जी और भ्रामक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल किए गए हैं। विश्वास न्यूज ने पड़ताल कर इनकी सच्चाई सामने लाई थी। आप उन सभी फैक्ट चेक स्टोरीज को यहां पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अंत में वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर राकेश वर्मा यूपी के कानपुर में रहते हैं। यूजर को 212 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित होती है। जिस तस्वीर को हालिया नूंह हिंसा का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह साल भर से अधिक समय से इंटरनेट पर मौजूद है।

  • Claim Review : हरियाणा के नूंह में हुए अतिक्रमण की तस्वीर।
  • Claimed By : फेसबुक यूजर - राकेश वर्मा
  • Fact Check : भ्रामक
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