Fact Check: RSS स्वयंसेवकों के साथ ब्रिटेन की महारानी की यह तस्वीर एडिटेड है

विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल की और दावा गलत पाया। असल में यह तस्वीर एडिटेड है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाई गयी है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें आरएसएस की यूनिफार्म पहने कुछ युवाओं के सामने से ब्रिटेन की महारानी को गुजरते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि तस्वीर तब की है, जब आरएसएस स्वयंसेवकों ने ब्रिटेन की महारानी को सलामी दी थी। विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल की और दावा गलत पाया। असल में यह तस्वीर एडिटेड है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाया गया है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Mahesh Kumar ने इस तस्वीर को शेयर किया। तस्वीर के ऊपर लिखा था, “ब्रिटेन माता की जय। यह फोटो बड़ी मुश्किल से हाथ लगा है, हर फोन तक पहुंचना चाहिए। सब को पता चले देश का गद्दार कौन है। #जब पुरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था, तब कुछ गद्दार इंगलैंड कि रानी को सलामी दे रहे थे. सुना है इनके वंशज खुद को देशभक्त कहते हैं.”

इस तस्वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल पर ढूंढा। हमें आरएसएस स्वयंसेवकों की यह तस्वीर deccanchronicle.com पर 2016 में पब्लिश्ड एक खबर में मिली। मगर इस तस्वीर में स्वयंसेवकों के सामने महारानी एलिज़ाबेथ नहीं थीं।

विश्वास न्यूज़ को यह तस्वीर और भी कई वेबसाइट्स पर मिली। यहाँ मौजूद तस्वीर में भी इन स्वयंसेवकों के सामने कोई नहीं खड़ा था।

अब हमने क्रॉप करके ब्रिटेन की महारानी वाले पोर्शन को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर thenational.scot/news पर मिली। यहाँ मौजूद इस तस्वीर में ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के सामने कुछ नाइजीरियाई जवान खड़े थे। यहाँ कैप्शन लिखा था, “अनुवादित: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 2 फरवरी 1956 को अपने कॉमनवेल्थ दौरे के दौरान, नाइजीरिया के कडुना हवाई अड्डे पर नव-नामित क्वीन्स ओन नाइजीरिया रेजिमेंट, रॉयल वेस्ट अफ्रीकन फ्रंटियर फोर्स के पुरुष जवानों का निरीक्षण किया।”

विश्वास न्यूज़ ने इस विषय में आरएसएस नेता आयुष नादमपल्ली से संपर्क साधा। उन्होंने कहा, “यह तस्वीर एडिटेड है।”

ऐसे ही एक दावे की हमने पहले भी पड़ताल की थी। उसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।

इसके बाद हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर Mahesh Kumar के प्रोफाइल की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर को 2500 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल की और दावा गलत पाया। असल में यह तस्वीर एडिटेड है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाई गयी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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