Fact Check: घायल व्यक्ति की इस तस्वीर का नहीं है करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज से कोई संबंध; वायरल दावा गलत है
विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। यह तस्वीर गुडगाँव के एक गोरक्षक की है, जो 25 अगस्त को गौ-तस्करों से लड़ते हुए घायल हो गया था। इस तस्वीर का करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज से कोई संबंध नहीं है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Sep 1, 2021 at 01:29 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में एक घायल व्यक्ति की तस्वीर को देखा जा सकता है। तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति के सिर पर गहरी चोट लगी है, जिसपे बहुत-से टाँके लगे हैं। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति करनाल में शनिवार को किसानों पर हुए लाठीचार्ज में घायल हुआ। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। यह तस्वीर गुडगाँव के एक गोरक्षक की है, जो 25 अगस्त को कथित तौर पर गौ-तस्करों से लड़ते हुए घायल हो गया था।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पर शेयर की गई एक पोस्ट में लिखा गया है: “करनाल में किसान आंदोलन से निपटने के लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के तुगलकी फ़रमान का प्रत्यक्ष परिणाम ! कायर खट्टर सरकार, इसे हल्का बल प्रयोग बता रही है। रणदीप सिंह सुरजेवाला”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
इस पोस्ट को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इसी डिस्क्रिप्शन के साथ ट्वीट किया था। हालांकि, इस ट्वीट को अब डिलीट कर दिया गया है मगर कई लोग इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल
हमने सबसे पहले रणदीप सुरजेवाला का ट्विटर हैंडल चेक किया। उनके हैंडल पर यह ट्वीट नहीं था। मगर उनके ट्विटर के आर्काइव को चेक करने पर हमने पाया कि उन्होंने यह ट्वीट 28 अगस्त को किया था, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया। आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर शेयर करने पर हमने पाया कि इस तस्वीर को सबसे पहले Gauputr Bamlehari नाम के एक फेसबुक पेज द्वारा 26 अगस्त को शेयर किया गया था। पोस्ट के साथ लिखा था, “अपनी जान जोख़िम में डालकर गो-तस्करों की फायरिंग का सामना करके बजरंग दल के शेर भाईयो ने गो-माता को कत्तल खाने जाने से बचाया ऐसे वीर कट्टर गो-पुत्र योद्धाओं को दंडवत प्रणाम…. टीम मोनू मानेसर”
www.tribuneindia.com की खबर के अनुसार, “गाय तस्करों के साथ संघर्ष के दौरान आहत एक स्थानीय “गौ रक्षक” ने सोशल मीडिया पर एक घायल किसान के रूप में उनकी तस्वीरों के कथित दुरुपयोग के खिलाफ पुलिस के साइबर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करवाई है। उनके अनुसार, यह तस्वीर एक स्थानीय नेता द्वारा साझा की गई थी और कथित तौर पर कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने गलत दावे के साथ इसे रीट्वीट किया था। कादरपुर गांव के टिंकू द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार रविवार को उनके सहयोगी मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव ने उन्हें बताया कि चोट वाली उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। 26 अगस्त को गाय तस्करों के साथ हुई झड़प में टिंकू घायल हो गया था और उसके सिर पर करीब 80 टांके लगे थे।”
हमने इस विषय में ज्यादा जानकारी के लिए दैनिक जागरण के हरियाणा के डिजिटल प्रभारी सुनील झा से संपर्क किया। उन्हों ने हमें बताया, “वायरल तस्वीर गोरक्षक टिंकू हैं। घटना 25 अगस्त की है जब कथित तौर पर गौ-तस्करों से लड़ते हुए टिंकू नाम का यह व्यक्ति घायल हो गया था।”
इस पोस्ट को Vishwaprem Newspaper- विश्वप्रेम समाचार पत्र नाम के फेसबुक यूजर ने शेयर किया है। हमने पेज को स्कैन किया और पाया कि पेज के 21,494 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। यह तस्वीर गुडगाँव के एक गोरक्षक की है, जो 25 अगस्त को गौ-तस्करों से लड़ते हुए घायल हो गया था। इस तस्वीर का करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज से कोई संबंध नहीं है।
- Claim Review : करनाल में किसान आंदोलन से निपटने के लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के तुगलकी फ़रमान का प्रत्यक्ष परिणाम ! कायर खट्टर सरकार, इसे हल्का बल प्रयोग बता रही है। रणदीप सिंह सुरजेवाला
- Claimed By : Vishwaprem Newspaper- विश्वप्रेम समाचार पत्र
- Fact Check : झूठ
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