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Fact Check : बनारस के घाट की यह तस्‍वीर 2008 की है, इसका कोविड से कोई संबंध नहीं है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल तस्‍वीर पुरानी निकली। इस तस्‍वीर को जिस तरीके और संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है, वह झूठा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। कोरोना महामारी की भयावहता के बीच गंगा में बहते हुए शव की कई तस्‍वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। हालांकि, कुछ ऐसे यूजर्स भी हैं, जो पुरानी तस्‍वीरों को अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं। एक ऐसी ही तस्‍वीर को वायरल करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए इसे हाल की फोटो बता रहे हैं। इस तस्‍वीर में घाट किनारे गंगा में पड़े एक सड़े गले शव को एक कुत्‍ता नोच रहा है। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

जांच में पता चला कि 2008 की तस्‍वीर को कुछ लोग अब वायरल कर रहे हैं। इसलिए हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित होती है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर कारनेहर सिंह ने 19 मई को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट किया। तस्‍वीर के ऊपर लिखा हुआ था कि उसके मन की बकवास क्या सुनना जो गंगा में बहती लाशों पर खामोश है।

इस तस्‍वीर को हाल के ही दिनों का समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही फोटो को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। पहले ही परिणाम में यह तस्‍वीर हमें agefotostock.com नाम की वेबसाइट पर मिली। इस तस्‍वीर को लेकर बताया गया कि यह रंजीत सेन ने क्लिक की है। इसका कलेक्‍शन डिंडोडिया फोटो के पास है। तस्‍वीर के कैप्‍शन में बताया गया कि यह वाराणसी के घाट की है।

चूंकि वायरल तस्‍वीर के ऊपर alamy लिखा हुआ था तो हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए alamy की वेबसाइट पर पहुंचे। वहां जब हमने कीवर्ड के साथ ओरिजनल तस्‍वीर को ढूंढना शुरू किया तो यही तस्‍वीर हमें यहां भी मिली। इसे 20 फरवरी 2008 को खींचा गया था।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल तस्‍वीर को खींचने वाले फोटो ग्राफर रंजीत सेन से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल तस्‍वीर काफी पुरानी है। इसका कोविड से कोई संबंध नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल क्लेम फर्जी है।

विश्वास न्यूज ने पुरानी तस्‍वीर को गलत दावे से शेयर करने वाले फेसबुक यूजर कारनेहर सिंह की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर लुधियाना के रहने वाले हैं। फैक्ट चेक किए जाने तक उसके 1300 से ज्‍यादा फ्रेंड थे।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल तस्‍वीर पुरानी निकली। इस तस्‍वीर को जिस तरीके और संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है, वह झूठा है।

  • Claim Review : गंगा में शव की अभी की तस्‍वीर
  • Claimed By : फेसबुक यूजर कारनेहर सिंह
  • Fact Check : झूठ
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