Fact Check: सोनिया गांधी की यह तस्वीर एडिटेड है

हमारी पड़ताल में पता चला कि सोनिया गांधी की वायरल तस्वीर एडिटेड है। यह तस्वीर असल में एक वीडियो में से लिया गया स्क्रीनशॉट है, जिसे एडिट कर उसमें ये किताबें और स्टैचू जोड़ा गया है।

Fact Check: सोनिया गांधी की यह तस्वीर एडिटेड है

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। विश्वास न्यूज़ को अपने चैटबॉट टिप लाइन नंबर +91 95992 99372 पर सोनिया गांधी की एक तस्वीर वेरिफिकेशन के लिए मिली। इस तस्वीर में सोनिया गांधी के पीछे कुछ किताबें देखी जा सकतीं हैं, जिनमें से एक किताब का नाम “हाउ टू कन्वर्ट इंडिया इन टू ए क्रिश्चिन नेशन” है। इस तस्वीर में इस किताब के साथ एक बाइबल और नीचे जीजस क्राइस्ट का स्टैचू भी रखा दिख रहा है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर एडिटेड है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

व्हाट्सएप यूजर डॉ इरोधा एचसी ने इस तस्वीर को हमारे चैटबॉट टिप लाइन नंबर +91 95992 99372 पर वेरिफिकेशन के लिए भेजा। तस्वीर के अंदर लिखा था “जूम करके दाहिनी तरफ देखें । एक पुस्तक जिसका शीर्षक है ” भारत को ईसाई राष्ट्र कैसे बनाया जाए ” | किसी और प्रमाण की आवश्यकता है”

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने वायरल तस्वीर की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से इसे ढूंढा। हमें कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो के थंब इमेज के रूप में यह तस्वीर मिली। वीडियो देखने पर पता चला कि वायरल तस्वीर इसी वीडियो में से ली गयी है। पूरे वीडियो में कहीं भी सोनिया गांधी के पीछे न तो बाइबल और न ही जीजस क्राइस्ट का स्टैचू दिखाई दे रहा है। साथ ही इस तस्वीर में पीछे रखी नीली किताब का टाइटल भी “हाउ टू कन्वर्ट इंडिया इन टू ए क्रिश्चियन नेशन” नहीं है।

असली वीडियो 2020 का है, जब सोनिया गांधी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के लोगों को संबोधित करते हुए राज्य में इकोनॉमी व बेरोजगारी की स्थिति बता रही थीं। इस वीडियो को सबसे पहले अक्टूबर 2020 में राहुल गांधी ने साझा किया था, बाद में कई मीडिया हाउसेज ने इस वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को अपनी ख़बरों में शामिल किया था।

ज्यादा जानकारी के लिए हमने कांग्रेस प्रवक्ता प्रणव झा से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “वायरल तस्वीर एडिटेड है और काफी समय से वायरल है। असली तस्वीर में ऐसी कोई किताब या स्टैचू नहीं था।”

अब बारी थी फेसबुक पर तस्वीर को साझा करने वाली यूजर Kajal Raikwar के प्रोफाइल को स्कैन करने की । प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर के 3000 से ज्यादा फेसबुक फ्रेंड्स हैं और वो पुणे की रहने वाली हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में पता चला कि सोनिया गांधी की वायरल तस्वीर एडिटेड है। यह तस्वीर असल में एक वीडियो में से लिया गया स्क्रीनशॉट है, जिसे एडिट कर उसमें ये किताबें और स्टैचू जोड़ा गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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