Fact Check: ब्रिटेन की महारानी के साथ RSS सदस्यों की यह तस्वीर एडिटेड है

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्टे फर्जी साबित हुई। असल में यह तस्वीर एडिटेड है। दो अलग- अलग तस्वीरों को जोड़कर यह तस्वीर बनायी गयी है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में आरएसएस की यूनिफार्म पहने कुछ युवाओं को देखा जा सकता है। तस्वीर में इन लोगों के सामने से ब्रिटेन की महारानी को गुजरते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि तस्वीर तब की है, जब आरएसएस स्वयंसेवकों ने ब्रिटेन की महारानी को सलामी दी थी। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। असल में यह तस्वीर एडिटेड है। दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर यह तस्वीर बनायी गयी है।

क्याी हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Aap Ka Brijesh Yadav ने इस तस्वीआर को अपलोड करते हुए लिखा “अंग्रेजो के वंशज रानी विक्टोरिया को सलाम करते हुए” तस्वीर के अंदर लिखा है “ब्रिटेन माता की जय। यह फोटो बड़ी मुश्किल से हाथ लगा है, हर फोन तक पहुंचना चाहिए। सब को पता चले देश का गद्दार कौन है। #जब पुरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था, तब कुछ गद्दार इंगलैंड कि रानी को सलामी दे रहे थे. सुना है इनके वंशज खुद को देशभक्त कहते हैं.”

इस तस्वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्टन का आर्काइव्डख वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल हो रही तस्वीर की सत्यता को जांचने के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली। हमें आरएसएस स्वयंसेवकों की यह तस्वीर nagpurtoday.in पर 2013 में पब्लिश्ड एक खबर में मिली। यहाँ मौजूद इस तस्वीर में इन स्वयंसेवकों के सामने कोई नहीं खड़ा था।

हमें यह तस्वीर deccanchronicle.comपर भी मिली। यहाँ मौजूद तस्वीर में भी इन स्वयंसेवकों के सामने ब्रिटेन की महारानी नहीं थीं।

अब हमने स्निपिंग टूल की मदद से ब्रिटेन की महारानी वाले पोर्शन को काट कर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर thenational.scot/news पर मिली। यहाँ मौजूद इस तस्वीर में ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के सामने कुछ नाइजीरियाई जवान खड़े थे। तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा था “अनुवादित: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 2 फरवरी 1956 को अपने कॉमनवेल्थ दौरे के दौरान, नाइजीरिया के कडुना हवाई अड्डे पर नव-नामित क्वीन्स ओन नाइजीरिया रेजिमेंट, रॉयल वेस्ट अफ्रीकन फ्रंटियर फोर्स के पुरुषों का निरीक्षण किया।”

विश्वास न्यूज़ ने इस विषय में आरएसएस नेता राजीव तुली से संपर्क साधा। उन्होंने कहा “यह तस्वीर एडिटेड है। संघ के विषय में लंबे समय से इस प्रकार के अभियान चल रहे हैं। परंतु इन सबसे संघ की नहीं, बल्कि विरोधियों की साख कम हो रही और संघ का काम लगातार बढ़ रहा है।”

इसके बाद हमने फर्जी पोस्टा करने वाले यूजर Aap Ka Brijesh Yadav के प्रोफाइल की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर बक्सर के रहने वाले हैं और इन्हेंर फेसबुक पर 4,015 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्टे फर्जी साबित हुई। असल में यह तस्वीर एडिटेड है। दो अलग- अलग तस्वीरों को जोड़कर यह तस्वीर बनायी गयी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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