हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये तस्वीर असली नहीं है, बल्कि इसे डिजिटल रूप से क्रिस्टोफ़ हॉरमैन नामक कलाकार ने एडिटिंग टूल्स का इस्तेमाल करके बनाया है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर लोग एक तस्वीर को शेयर कर दावा कर रहें हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से ली गई हिमालय की फोटो है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये तस्वीर असली नहीं है, बल्कि इसे डिजिटल रूप से क्रिस्टोफ़ हॉरमैन नामक कलाकार ने एडिटिंग टूल्स का इस्तेमाल करके बनाया है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Buck Lawson ने इस फोटो को शेयर किया और उसके साथ लिखा “The Himalayas from the International Space Station.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है- “इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से खींची हिमालय पर्वत श्रृंखला की तस्वीर।”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर pixels.com पर मिली। तस्वीर के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह एक 3 डी आर्टवर्क है, जिसे क्रिस्टोफ़ हॉरमैन नाम के एक डिजिटल आर्टिस्ट ने बनाया है। डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “Himalaya, 3D computer artwork, viewed at an altitude of 39 kilometres. In the foreground is Kanchenjunga, which, at 8586 metres high, is the third tallest in the world. In the background is Mount Everest, the world’s tallest mountain at 8844 metres high. To the left the green regions of lower Nepal and northern India and to the right the high plains of Tibet. This image was created by Christoph Hormann using data obtained from satellites such as Landsat and SRTM (Shuttle Radar Topography Mission). The data was processed into computer models using three-dimensional rendering software and then coloured and distorted to mimic the natural curvature of the Earth.”
इसका हिंदी अनुवाद होता है “हिमालय, 3डी कंप्यूटर आर्टवर्क, 39 किलोमीटर की ऊंचाई पर देखा गया। अग्रभूमि में कंचनजंगा है, जो 8586 मीटर ऊंचा है, जो दुनिया में तीसरा सबसे ऊंचा है। पृष्ठभूमि में माउंट एवरेस्ट है, जो 8844 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। बाईं ओर निचले नेपाल और उत्तरी भारत के हरे-भरे क्षेत्र और दाईं ओर तिब्बत के ऊंचे मैदान हैं। यह छवि क्रिस्टोफ़ हॉरमैन द्वारा लैंडसैट और एसआरटीएम (शटल रडार टोपोग्राफी मिशन) जैसे उपग्रहों से प्राप्त डेटा का उपयोग करके बनाई गई थी। डेटा को त्रि-आयामी रेंडरिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके कंप्यूटर मॉडल में संसाधित किया गया था और फिर पृथ्वी की प्राकृतिक वक्रता की नकल करने के लिए रंगीन और विकृत किया गया था।”
इस तस्वीर को earth.imagico.de/ पर भी देखा जा सकता है। यहां भी इस तस्वीर का क्रेडिट क्रिस्टोफ़ हॉरमैन को ही दिया गया है।
विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए क्रिस्टोफ़ हॉरमैन से मेल के ज़रिये संपर्क साधा। उनकी टीम की तरफ से आये रिप्लाई में हमें बताया गया, “यह तस्वीर बहुत-से डाटा और तस्वीरों को इकट्ठा करके विभिन्न 3D कंप्यूटर ग्राफिक्स का उपयोग करके डिजिटल रूप से बनाई गई थी।”
अब बारी थी ट्विटर पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Buck Lawson की प्रोफाइल को स्कैन करने की। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर जॉर्ज टाउन, टेनेसी के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये तस्वीर असली नहीं है, बल्कि इसे डिजिटल रूप से क्रिस्टोफ़ हॉरमैन नामक कलाकार ने एडिटिंग टूल्स का इस्तेमाल करके बनाया है।
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