Fact Check : मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और मुकेश अंबानी की यह तस्‍वीर एडिटेड है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। योगी आदित्‍यनाथ और मुकेश अंबानी की अलग-अलग तस्‍वीरों को एडिट करके यह पोस्‍ट तैयार की गई।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और मुकेश अंबानी की एक फर्जी तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि मुख्‍यमंत्री अंबानी को राम मंदिर की डिजाइन भेंट कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि दो अलग-अलग तस्‍वीरों को एडिट करके फर्जी पोस्‍ट तैयार की गई है।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर हैंडल अरमान पठान ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और मुकेश अंबानी की फर्जी तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘पहली बात ऐ के राम मंदिर का बनना लगभग नामुमकिन है क्यों के उस जमीन के नीचे रेत बालू है..! दूसरी बात ये की अगर कभी बन भी गई तो वो मंदिर कम अम्बानी का होटल जायद होगा. माफी चाहता हूँ पर वो सिर्फ एक कमाई का जरिया होगा पूंजीपतियों के लिए..!’

पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल दावे के आधार पर संबंधित कीवर्ड को गूगल में सर्च करना शुरू किया। हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल तस्‍वीर की पुष्टि करती हो। इसके बाद हमने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और मुकेश अंबानी की तस्‍वीर को स्‍कैन करना शुरू किया। ध्‍यान से देखने पर पता चला कि योगी आदित्‍यनाथ के कुर्ते पर दाईं तरफ जेब है, जबकि कुर्तों पर बाईं ओर जेब होती है। इसी तरह मुकेश अंबानी के हेयर स्टाइल को देखने से पता चला कि उन्‍होंने दाईं मांग निकाली हुई है, जबकि वे हमेशा बाईं तरफ मांग निकालते हैं। मतलब साफ था कि फोटो को फ्लिप किया गया है।

पड़ताल के दौरान हमें मुकेश अंबानी की ओरिजनल तस्‍वीर देश गुजरात नाम की एक वेबसाइट पर मिली। सितंबर 2016 की खबर में बताया गया कि गांधीनगर की एक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मुकेश अंबानी गए थे। तस्‍वीर उसी वक्‍त की है। इसे यहां देखा जा सकता है।

इसी तरह मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की तस्‍वीर उन्‍हीं के ट्विटर हैंडल पर मिली। 8 जनवरी 2018 को किए गए ट्वीट में बताया गया कि नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह से योगी आदित्‍यनाथ की मुलाकात की यह तस्‍वीर है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने रिलायंस इंडस्ट्री के प्रवक्‍ता से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की। हमें पता चला कि अरमान पठान के अकाउंट को नौ हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इस अकाउंट को जनवरी 2020 में बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। योगी आदित्‍यनाथ और मुकेश अंबानी की अलग-अलग तस्‍वीरों को एडिट करके यह पोस्‍ट तैयार की गई।

False
Symbols that define nature of fake news
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