Fact Check : अमित शाह और ओवैसी की यह तस्‍वीर फर्जी है, पहले भी एडिटेड तस्‍वीर हो चुकी है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अमित शाह और ओवैसी की वायरल तस्‍वीर फर्जी साबित हुई। दो अलग-अलग तस्‍वीरों के साथ छेड़छाड़ करके यह पोस्‍ट बनाई गई है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। यूपी में भले ही चुनाव की दस्‍तक में वक्‍त हो, लेकिन फर्जी खबरों के वायरल होने का सिलसिला जारी हो चुका है। सोशल मीडिया में एक बार फिर से गृह मंत्री अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी की कथित मुलाकात की तस्‍वीर वायरल की जा रही है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर एडिटेड है। दो अलग-अलग तस्‍वीरों को मिलाकर यह फेक तस्‍वीर तैयार की गई है। वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। यह एडिटेड तस्‍वीर बंगाल चुनाव के वक्‍त भी वायरल हो चुकी है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर शानू खान ने 16 जुलाई को ‘M.Abdullah Azam khan Youth Brigade (Lucknow)’ नाम के एक ग्रुप में एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : उत्तर प्रदेश चुनाव पर रणनीति बनाते हुए असदुद्दीन ओवैसी साहब और गृह मंत्री अमित शाह जी लेकिन अब जनता सब समझ चुकी है साहब हम हिंदू मुस्लिम की राजनीति नहीं अब विकास के मुद्दे पर बात होगी!

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी वायरल तस्‍वीर की जांच की थी। सबसे पहले विश्‍वास न्‍यूज ने गूगल सर्च की मदद ली। इसमें हमने गृह मंत्री अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी की कथित मुलाकात के बारे में खोजना शुरू किया। हमें ऐसी कोई खबर या तस्‍वीर नहीं मिली, जो वायरल तस्‍वीर की सत्‍यता बताती हो। इसके बाद हमने जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली।

शुरुआती जांच में हमें अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की एक तस्‍वीर मिली। यह वही तस्‍वीर थी, जिसके साथ छेड़छाड़ करके अमित शाह की तस्‍वीर को ओवैसी के साथ जोड़ा गया। हमें कैप्टन अमरिंदर सिंह के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट पर ओरिजनल तस्‍वीर तीन सितंबर 2019 को शेयर की हुई मिली।

पड़ताल के दौरान ही हमें ओवैसी की ओरिजनल तस्‍वीर भी मिल गई। इसे ट्विटर यूजर सैय्यद सुलेमान ने 27 फरवरी 2018 को पोस्‍ट किया था। साथ में लिखा था कि AIMIM प्रेसिडेंट असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी ने अरविंद कुमार (IAS) और जीएचएमसी के कमिश्नर से मुलाकात कर उन्हें नयापुल के पास नए ब्रिज के निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। इसमें ओवैसी वही कपड़े पहने नजर आए, जो अब वायरल तस्‍वीर में दिखा।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने यूपी भाजपा के प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्‍वीर को शेयर किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि फेक फोटो,फेक वीडियो इन सब के आधार पर कुछ लोग उत्तर प्रदेश के चुनाव में जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ऐसे लोग सफल नहीं होंगे। कुछ पॉलिटिकल मोटिवेटेड लोग हैं, जो उत्तर प्रदेश सरकार की कोई कमियां खामियां नहीं ढूंढ पा रहे तो तमाम फोटो और वीडियो एडिट करके भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने बंगाल चुनाव के वक्‍त भी इस तस्‍वीर की पड़ताल की थी। उस जांच को आप यहां विस्‍तार से पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फेसबुक यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर शानू खान के 125 फॉलोअर हैं। यूजर यूपी के रामपुर का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अमित शाह और ओवैसी की वायरल तस्‍वीर फर्जी साबित हुई। दो अलग-अलग तस्‍वीरों के साथ छेड़छाड़ करके यह पोस्‍ट बनाई गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट