विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स का आम आदमी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। शख्स का नाम मुफ्ती रईस है और यह देहरादून का रहने वाला है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक शख्स का वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स को हिंदुओं के बारे में आपत्तिजनक बातें कहते हुए सुना जा सकता है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति दिल्ली का शहर काजी है और आम आदमी पार्टी का पदाधिकारी है। ये खुलेआम हिंदुओं को धमकी दे रहा है और कह रहा है कि हम हिंदुओं का जीना मुश्किल कर देंगे। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स का आम आदमी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। शख्स का नाम मुफ्ती रईस है और यह देहरादून का रहने वाला है।
ट्विटर यूजर हम लोग We The People ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि ये दिल्ली का शहर काजी है और आम आदमी पार्टी का पदाधिकारी भी है। हिंदुओं को खुलेआम धमकी दे रहा है।
यहां वायरल मैसेज को ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। फेसबुक पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने वीडियो के कुछ कीफ्रेम निकालकर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो Sudarshan News के यूट्यूब चैनल पर 3 जुलाई 2019 को अपलोड मिला। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान का है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट 30 जून 2019 को अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार 27 जून 2019 को मुस्लिम सेवा संगठन ने झारखंड में मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज अंसारी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया था। उस दौरान प्रदर्शन में शामिल हुए मुफ्ती रईस ने भड़काऊ बातें कहीं थी।
अधिक जानकारी के लिए हमने देहरादून के पत्रकार गौरव की सहायता से मुस्लिम सेवा संगठन के प्रेसिडेंट नईम कुरैशी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वीडियो का हाल-फिलहाल के समय से कोई संबंध नहीं है। 2019 में हमने मॉब लिंचिंग के खिलाफ एक प्रदर्शन किया था। ये वीडियो उसी दौरान का है। ये प्रदर्शन मेरी ही देखरेख में हुआ था। जब उन्होंने 2019 में ये बातें कहीं थी, मैं वहीं खड़ा था। भड़काऊ भाषण देने के लिए उनके खिलाफ 505 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। अब यह मामला सुलझ चुका है। साथ ही, उन्होंने हमें यह भी बताया कि मुफ्ती रईस देहरादून या दिल्ली के शहर काजी नहीं है और ना ही वो आम आदमी पार्टी से जुड़े हैं। वो देहरादून में रहते हैं और अपना एक स्कूल चलाते हैं। यहां के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी हैं।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने दिल्ली आप के प्रवक्ता विकास योगी से संपर्क किया। हमने वॉट्सऐप के जरिए वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। ये आम आदमी पार्टी के साथ नहीं जुड़े हुए हैं। देहरादून के पत्रकार निशांत चौधरी की मदद से हमने उत्तराखंड आप के मीडिया प्रभारी अमित रावत से संपर्क किया। हमने उनके साथ भी वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने भी हमें यही बताया कि वायरल दावा गलत है। उनका कहना है कि वीडियो में बोल रहे शख्स का आम आदमी पार्टी के कोई ताल्लुक नही है। हम इन्हें नही जानते हैं।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर हम लोग We The People की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर को ट्विटर पर तकरीबन 60 हजार से ज्यादा लोग फॉलो कर रहे हैं। यह अकाउंट नवंबर 2014 से सक्रिय है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स का आम आदमी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। शख्स का नाम मुफ्ती रईस है और यह देहरादून का रहने वाला है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।