विश्वास न्यूज की जांच में असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर में चेहरे पर कालिख पोतने की यह तस्वीर झारखंड के रांची की है। इसका यूपी से कोई संबंध नहीं है। यह घटना सितंबर 2019 को हुई थी।
विश्वास न्यूदज (नई दिल्ली)। यूपी में विधानसभा चुनाव में भले ही वक्त हो, लेकिन फर्जी खबरों के फैलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के एक पोस्टर पर कालिख पोतने की पुरानी तस्वीर को कुछ लोग अब यूपी का समझकर वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की जांच की। हमें पता चला कि सितंबर 2019 की रांची की तस्वीर को कुछ लोग अब वायरल कर रहे हैं। 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान रांची में ओवैसी के एक पोस्टर पर कालिख पोती गई थी। वायरल तस्वीर उसी दौरान की है।
फेसबुक यूजर उत्तोम कुमार प्रधान ने आठ जुलाई को ओवैसी के पोस्टर पर कालिख पोतते हुए पुरानी तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा कि UP mai only BJP #यूपीमेंओवैसी!
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर में चेहरे पर कालिख पोतने की सच्चाई जानने के लिए गूगल सर्च में कई कीवर्ड टाइप करके सर्च करना शुरू किया। हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो इस बात की पुष्टि करती हो कि यूपी में असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर के साथ ऐसी कोई हरकत हुई हो, जबकि यदि ऐसा हुआ होता तो यह जरूर सुर्खियां बनता।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने फैक्ट चेक के महत्वपूर्ण ऑनलाइन टूल गूगल रिवर्स इमेज का इस्तेमाल किया। इसके माध्यम से हमें जागरण डॉट कॉम पर पब्लिश एक पुरानी खबर मिली। 24 सितंबर 2019 को पब्लिश इस खबर में हमें वही पोस्टर दिखा, जिसे यूपी के नाम से वायरल किया जा रहा है। खबर में बताया गया कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर में चेहरे पर कालिख पोत दी गई है। झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू मैदान वे एक सभा को संबोधित करने पहुंचे हैं। यहां सभास्थल के समीप लगे होर्डिंग में ओवैसी के चेहरे पर किसी ने कालिख पोतकर शरारत कर दी। उनके समर्थकों ने जब इसे देखा तो चहुंओर हंगामा मच गया। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची और पोस्टर पर से कालिख साफ करवाया।
पूरी खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण, रांची के फोटोजर्नलिस्ट मनोरंजन सिंह से संपर्क किया। वायरल तस्वीर उन्होंने ही खींची थी। उन्होंने हमें बताया कि झारखंड चुनाव के वक्त् असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य में कई जगह रैलियां की थीं। यह पोस्टर भी उस वक्त रांची में लगाया गया था। किसी ने उस पोस्टर पर कालिख पोत दी थी। हालांकि, पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए इसे साफ कर दिया था। यह बात 2019 की है।
पड़ताल के अंतिम पड़ाव में हमने ओवैसी के पोस्टर की पुरानी तस्वीर को अब यूपी के नाम पर वायरल करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला फेसबुक यूजर Uttam Kumar Pradhan के दो हजार से ज्यादा फ्रेंड हैं। यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर में चेहरे पर कालिख पोतने की यह तस्वीर झारखंड के रांची की है। इसका यूपी से कोई संबंध नहीं है। यह घटना सितंबर 2019 को हुई थी।
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