Fact Check : 1992 के मुंबई दंगों पर उद्धव ठाकरे के कथित बयान वाली ये अखबार की कटिंग फर्जी है, ‘राष्ट्रीय उजाला’ ने किया खंडन

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि उद्धव ठाकरे को लेकर वायरल की जा रही अख़बार की कटिंग फर्जी है।  

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए आज यानी 20 नवंबर को मतदान चालू है और 23 नवंबर को मतगणना होगी। इसी बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर एक पोस्ट काफी वायरल हो रही है, जहाँ एक कथित अखबार की एक क्लिप के हवाले से कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक की और उनसे 1992 के दंगों में शामिल होने के लिए माफी मांगी।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। कटिंग फर्जी साबित हुई। इंटरनेट पर मौजूद एक वेबसाइट के माध्‍यम से काल्पनिक न्‍यूज तैयार की गई है।

क्‍या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूजर Sanatani Suresh K ने 20 नवंबर को एक अखबार की फर्जी कटिंग को वायरल करते हुए लिखा, “कल तक जो शेखी बघार रहे थे कि 1992 के दंगों से मुंबई को शिवसेना ने बचाया, उसी दंगो के लिए आज उद्धव ठाकरे मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगते हुए दिख रहे है।” वायरल अख़बार की क्लिप में प्रणव डोगरा नाम के व्यक्ति को बाइलाइन दी गई है। खबर में लिखा है “उद्धव ठाकरे को लेके एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। मुस्लिम नेताओं के साथ हुई बैठक में उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों में शामिल होने के लिए माफी मांगी है। इस बैठक में मुस्लिम बोर्ड के सज्जाद नोमानी के साथ मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल, आसिफ शेख, फारूक शाह और अन्य मुस्लिम नेता मौजूद थे। बैठक में मौजूद नेताओं ने उद्धव ठाकरे के माफी मांगने की खबर की पुष्टि की है। मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।इस चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस मौके पर मुंबई संसदीय क्षेत्र की समीक्षा की गई। यह बैठक को आदित्य ठाकरे के साथ साथ संजय राऊत और अनिल परब भी उपस्थित थे। उद्धव ठाकरे के हाथ से हिंदू वोट फिसल रहे हैं। लोकसभा के परिणाम इसका प्रमाण है। लोकसभा में उद्धव का गुट हिंदू आबादी वाले इलाकों से पिछड़ रहा था। लेकिन कई उम्मीदवार इसलिए चुने गए क्योंकि उन्होंने मुस्लिम बहुल इलाकों से अच्छी बढ़त ले ली थी। विधानसभा में भी उद्धव ठाकरे का मुस्लिम वोटों पर भरोसा रहने वाला है। इस बात का पूरा एहसास उद्धव ठाकरे को है. संभव है कि उपरोक्त चौंकाने वाला बयान इसी वजह से आया हो। मुस्लिम नेताओं के सामने उद्धव ठाकरे के सजदा करने से शिवसैनिक नाराज हैं। उद्धव ठाकरे का हिंदुत्व का मुद्दा पीछे छूट गया है और मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हो गई है। 2019 के बाद से वोट की राजनीति के लिए उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व का मुद्दा छोड़ दिया। लेकिन अब ऐसा लगता है कि वे बालासाहेब ठाकरे को गलत साबित करने की हद तक चले गए हैं। आम शिवसैनिकों को आश्चर्य है कि वोट के लिए जन्मदाता पिता को झूठ साबित किया जा रहा है। इस चीज को लेके शिवसैनिक बेहद नाराज है। कार्यकर्ता पार्टी से अलग होते जा रहे है। उद्धव ठाकरे इस बात को जितना जल्दी समझे उतना अच्छा है।”

 इस पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल अख़बार की क्लिप वायरल कटिंग में “राष्ट्रीय उजाला” नाम देखा जा सकता है। कीवर्ड सर्च से सामने आया कि राष्ट्रीय उजाला नोएडा  से छपने वाला एक अख़बार है। हमने इस पेपर की वेबसाइट पर कीवर्ड सर्च किया और साथ ही इसके इपेपर को भी खंगाला। हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली।

हालांकि, इस अख़बार के फेसबुक पेज पर हमें 19 नवंबर की एक पोस्ट मिली, जिसमें लिखा था- “सूचना: सभी को सूचित किया जाता है कि कुछ फेक न्यूज़ क्लिपिंग्स सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय उजाला समाचार पत्र के नाम से प्रसारित की जा रही हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि रिपोर्टर्स प्रणव डोगरा और अंकित पाठक का हमारे समाचार पत्र से कोई संबंध नहीं है। कृपया ऐसी भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और इनकी जानकारी मिलने पर तुरंत हमें सूचित करें। राष्ट्रीय उजाला सत्यता और पत्रकारिता की उच्चतम मान्यताओं का पालन करता है। धन्यवाद, राष्ट्रीय उजाला”

हमने इस विषय में अख़बार से मेल के जरिये संपर्क किया। जवाब में बताया गया “This is to formally address the circulation of false and defamatory content on social media, falsely attributing a statement by Mr. Uddhav Thackeray to Rashtriya Ujala, a Hindi newspaper catering to the Delhi/NCR region. As the Owner, Printer, and Publisher of Rashtriya Ujala, I, Jyoti Narain, categorically state that our publication has no connection to this fabricated news. The content in question is entirely baseless and intended to mislead the public while tarnishing the reputation and credibility of Rashtriya Ujala. We are initiating appropriate legal action against all individuals and entities involved in the creation, dissemination, or amplification of this falsehood. Such actions constitute a direct attack on the integrity, trust, and authenticity of our publication. We strongly urge the public to disregard this fake news and appeal to all media outlets and responsible parties to assist in exposing and preventing the further spread of such misinformation. Your cooperation in addressing this matter responsibly is appreciated. Sincerely, Jyoti Narain, Owner, Printer & Publisher, Rashtriya Ujala (A unit of Dainik Rashtriya Ujala Pvt. Ltd.) अनुवाद: (यह पत्र सोशल मीडिया पर झूठी और अपमानजनक सामग्री के प्रसार को औपचारिक रूप से संबोधित करने के लिए है, जिसमें श्री उद्धव ठाकरे का एक बयान गलत तरीके से राष्ट्रीय उजाला को श्रेय देते हुए शेयर किया जा रहा है। राष्ट्रीय उजाला दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में प्रकाशित होने वाला एक हिंदी समाचार पत्र है। राष्ट्रीय उजाला के मालिक, मुद्रक और प्रकाशक के रूप में, मैं ज्योति नारायण, स्पष्ट रूप से कहता हूँ कि हमारे प्रकाशन का इस मनगढ़ंत समाचार से कोई संबंध नहीं है। यह सामग्री पूरी तरह से निराधार है और इसका उद्देश्य राष्ट्रीय उजाला की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को धूमिल करना और जनता को गुमराह करना है। हम इस झूठे समाचार के निर्माण, प्रसार और बढ़ावा देने में शामिल सभी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं। इस प्रकार की कार्रवाइयां हमारे प्रकाशन की अखंडता, विश्वास और प्रामाणिकता पर सीधा हमला हैं। हम जनता से इस फर्जी खबर को नजरअंदाज करने का दृढ़ आग्रह करते हैं और सभी मीडिया आउटलेट्स और जिम्मेदार पक्षों से इस तरह की गलत सूचना को उजागर करने और इसके प्रसार को रोकने में मदद करने की अपील करते हैं। इस मामले को जिम्मेदारी से संबोधित करने में आपका सहयोग सराहनीय रहेगा।”

कीवर्ड्स सर्च करने पर भी हमें उद्धव ठाकरे की मुस्लिम नेताओं से ऐसी किसी मीटिंग को लेकर कोई खबर नहीं मिली। मगर हमें शिवसेना के ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर 19 नवंबर की एक पोस्ट ज़रूर मिली, जहाँ इस अख़बार की क्लिप को फर्जी बताया गया था।

जांच के अंत में फेसबुक यूजर Sanatani Suresh K के अकाउंट की जांच की। यूजर राजस्थान से हैं। यूजर के 500 से अधिक फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि उद्धव ठाकरे को लेकर वायरल की जा रही अख़बार की कटिंग फर्जी है।  

False
Symbols that define nature of fake news
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