दिल्ली में जरूरी सेवाओं की आपूर्ति करने वाले विक्रेताओं की जिस सूची को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वह राजस्थान के जोधपुर में प्रकाशित सूची है। इसे धर्म विशेष के आधार पर नहीं, बल्कि क्षेत्रीय उपलब्धता के आधार पर जारी किया गया था।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर हिंदी अखबार की एक क्लिप वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के बीच राशन और जरूरी सामानों की सप्लाई के लिए जिन दुकानदारों की लिस्ट जारी की है, उसमें सभी मुस्लिम हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। आवश्यक सामानों की सप्लाई करने वाले दुकानदारों की जिस सूची को दिल्ली का बताकर वायरल किया जा रहा है, उसका दिल्ली से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘सम्राट सनातनी’ ने पोस्ट को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”दिल्ली_सरकार ने दूध, फल, सब्ज़ी और राशन के लिए जिन दुकानों की लिस्ट जारी की है, वह सारे के सारे #मुसलमान ही हैं?? ये #केजरीवाल की सोची समझी साजिश है सबसे बड़ाकोरोना जिहाद का जन्मदाता तो येकेजरीवाल ही है 😠😠😠😠😠😠😠शेयर करो भाईयों साले का जीना हराम कर दो।”
पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को 1300 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं।
वायरल पोस्ट में हिंदी अखबार की एक क्लिप को शेयर किया गया है। इसकी हेडलाइन है, ‘आप यहां से मंगवा सकते हैं दूध, फल-सब्जी और राशन।’ इस हेडलाइन से सर्च करने पर हमें हिंदी अखबार दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 4 अप्रैल 2020 को प्रकाशित खबर का लिंक मिला। इसकी हेडलाइन हूबहू वही है, जो वायरल पोस्ट में है।
इस खबर में राशन सामग्री की उपलब्धता को लेकर की गई क्षेत्रवार व्यवस्थाओं का जिक्र है। इस सूची में राशन की सप्लाई करने वाले दुकानों का नाम और उनका मोबाइल नंबर दिया गया है।
सर्च में हमें दैनिक भास्कर के जोधपुर संस्करण में 4 अप्रैल 2020 को प्रकाशित खबर मिली, जिसके एक हिस्से को सांप्रदायिक दावे के साथ दिल्ली के नाम पर वायरल किया जा रहा है। अखबार में जरूरी सामानों की आपूर्ति को तीन श्रेणियों में बांटते हुए उसे सप्लाई करने वाले विक्रेताओं का नाम और नंबर क्षेत्रवार तरीके से दिया गया है।
पहली श्रेणी में फल-सब्जी के नाम और नंबर का विवरण है, दूसरी श्रेणी में दूध की सप्लाई का विवरण है और तीसरी श्रेणी में राशन सामग्री की क्षेत्रवार व्यवस्थाओं का नंबर है, जबकि वायरल क्लिप में जानबूझकर फल और सब्जी विक्रेताओं के नाम की सूची को गलत मंशा के साथ फैलाया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने इसे लेकर जोधपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) अंजुम ताहिर शमा से बात की। उन्होंने बताया, ‘सप्लाई करने वाले वेंडर्स (विक्रेताओं) की जो लिस्ट बनाई गई थी, उसमें आवेदन सबके लिए खुला था। जिन्होंने आगे आकर अपना नाम रजिस्टर्ड कराया, हमने उनकी सूची जारी की।’
उन्होंने कहा, ‘अभी भी अगर कोई सप्लाई के लिए आगे आना चाहता है तो हम सप्लायर्स की सूची में उसके नाम को जोड़ देंगे।’ शमा ने बताया कि यह सूची किसी प्राथमिकता या वरीयता के आधार पर नहीं बनाई गई है और न ही इसमें किसी धर्म विशेष को प्राथमिकता दी गई है।
8 अप्रैल को दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर हुई बैठक के बाद कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित 21 इलाकों को सील करने का फैसला लिया गया। इन इलाकों में आवाजाही पूरी तरह से बंद रहेगी। दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले के खिलाफ अब केजरीवाल सरकार पूरे एक्शन में आ गई है। दिल्ली के सदर इलाके में कुछ पॉजिटिव केस सामने आने के बाद 21 हॉट स्पॉट को चिह्नित किया गया है जिन्हे सील कर दिया गया है। वहीं अब घर से निकलने से पहले मास्क जरूरी कर दिया गया है। इसके अलावा दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में यदि कोई भी बाहर निकलता है तो उसे मास्क पहनना जरूरी होगा। यदि वह बिना मास्क के कोई व्यक्ति निकलता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
सील किए गए इलाकों में दूध, खाद्य सामग्री और दवाओं की आपूर्ति प्रशासन की तरफ से किया जाएगा और इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। हिंदुस्तान में छपी खबर में इन हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दी गई है।
दिल्ली सरकार ने सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए एकीकृत हेल्पलाइन नंबरों को जारी किया गया है, जबकि वायरल हो रही सूची में ऐसा नहीं है।
वायरल पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल के मुताबिक, वह राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं। फेसबुक पर उन्हें करीब 150 लोग फॉलो करते हैं।
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: दिल्ली में जरूरी सेवाओं की आपूर्ति करने वाले विक्रेताओं की जिस सूची को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वह राजस्थान के जोधपुर में प्रकाशित सूची है। इसे धर्म विशेष के आधार पर नहीं, बल्कि क्षेत्रीय उपलब्धता के आधार पर जारी किया गया था।
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