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Fact Check: महात्मा गाँधी के परपोते  के नाम पर वायरल हो रहा यह लेटर भ्रामक है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल हो रहा पत्र कुलकर्णी का असली लेटर नहीं है। यह उसका एडिटेड वर्जन है। 8 मार्च 2014 को लिखे पत्र में कुलकर्णी ने राहुल गांधी के धर्म और विरासत को लेकर कोई कमेंट नहीं किया था।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Oct 4, 2024 at 01:07 PM
  • Updated: Oct 4, 2024 at 01:12 PM

नई दिल्‍ली विश्‍वास न्‍यूज । सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि महात्मा गांधी के परपोते ने राहुल गाँधी को लिखे एक ओपन लेटर में  राहुल गांधी के धर्म और उनकी विरासत को लेकर सवाल उठाए हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल हो रहा पत्र कुलकर्णी का असली लेटर नहीं है। यह उसका एडिटेड वर्जन है। 8 मार्च 2014 को लिखे पत्र में कुलकर्णी ने राहुल गांधी के धर्म और विरासत को लेकर कोई कमेंट नहीं किया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

भाजपा लक्ष्य 2024 ( समर्थन के लिए जुड़े )” नाम के फेसबुक पेज (Archive Link) ने 25 सितम्बर 2024 को वायरल पोस्ट को शेयर किया जिसमें लिखा था “*राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी के परपोते को लिखा गया पत्र…??* जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस ने गांधी जी की हत्या की ताकि वे आकर भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन करें। इसके जवाब में गांधी जी के परपोते श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने राहुल गांधी को यह खुला पत्र लिखा, जिसे उन्होंने सार्वजनिक डोमेन में प्रसारित भी किया।

*प्रिय राहुल गांधी जी…*

मोहनदास करमचंद गांधी मेरे परदादा थे। उनकी हत्या श्री नाथूराम गोडसे ने की थी। इस मामले की कई जांच और आयोगों ने जांच की। किसी ने भी गांधी की हत्या के मामले में आरएसएस को नहीं फंसाया। न ही आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया।

मेरे दादा स्वर्गीय रामदास गांधी ने श्री नाथूराम गोडसे को मौत की सजा से मुक्त करने के लिए तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल जी को पत्र लिखा था।

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि 1969 में जब रामदास गांधी मुंबई में अपने प्राण त्याग रहे थे, तब श्री नाथूराम गोडसे के छोटे भाई श्री गोपाल गोडसे ने उनसे मुलाकात की थी।

यह मुद्दा पूरी तरह से अतीत में चला गया है.. और.. मेरा परिवार इससे आगे बढ़ चुका है।

मेरा आप लोगों को विनम्र सुझाव है कि जो लोग कांग्रेस और आप का भला चाहते हैं, उन्हें आगे बढ़ना चाहिए और गांधी के नाम और इस मुद्दे का अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करना बंद करना चाहिए।

आप सभी.. कृपया विभिन्न आयोगों के निर्णयों को स्वीकार करने में उदारता दिखाएं।

*हर समय यह कहना कि आरएसएस ने गांधी को मारा, यह कहने जैसा है कि सिखों ने आपकी दादी को मारा, जबकि यह झूठ है क्योंकि इसमें सभी सिख शामिल नहीं थे।

आप गांधी परिवार से नहीं हैं। आपका परिवार और आप लंबे समय से भारत में गांधी के नाम का इस्तेमाल देश को मूर्ख बनाने के लिए कर रहे हैं.. और सात-आठ दशकों से देश को मूर्ख बना रहे हैं।

आपके परिवार ने अपनी अवसरवादी नीति के तहत मेरे परदादा के उपनाम का दुरुपयोग किया। अब आपको देश को अपनी असली पहचान से अवगत कराना चाहिए और गांधी के नाम का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए।

*आपके दादा गांधी नहीं हैं..? वह फिरोज खान है.. वह जूनागढ़ के गुजराती पठान ‘नवाब खान’ का बेटा था.. नवाब खान की पत्नी पारसी थी.. जिसने इस्लाम धर्म अपना लिया था.*

* आपकी दादी इंदिरा जी भी मुस्लिम थीं.. क्योंकि.. उन्होंने फिरोज खान से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था.*

आप मुस्लिम और ईसाई का मिश्रण हैं.. आप में राहुल का ज़रा भी अंश नहीं है.. न ही गांधी का.

* आप हिंदू होने के कहीं भी करीब नहीं हैं.. आप केवल मुस्लिम/कैथोलिक डीएनए का मिश्रण हैं. *

मैं इसे सार्वजनिक कर रहा हूँ.. ताकि.. आप हमारे असली गांधी परिवार से किसी को भी मूर्ख न बना सकें।

मुझे उम्मीद है कि आप मेरे परिवार के नाम का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे और अपनी असली धर्म/जाति पहचान स्वीकार करेंगे। साथ ही, आप देश को मूर्ख बनाने की कोशिश करना बंद करके देश से माफ़ी मांगने का बड़ा दिल दिखाएंगे।

*श्री कृष्ण कुलकर्णी……*

*जय हिंद.. वंदे मातरम*”

पड़ताल

वायरल पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने कीवर्ड सर्च का सहारा लिया। “Shrikrishna Kulkarni’s open letter to Rahul Gandhi” कीवर्ड से सर्च करने पर हमें इस ओपन लेटर को लेकर इंडिया टीवी की वेबसाइट पर 11 मार्च 2014 की एक खबर मिली। इस खबर में यह पूरा पर छपा था। इसमें लिखा था “प्रिय राहुल गांधी,

गांधीजी मेरे परदादा थे। उनकी हत्या श्री नाथूराम गोडसे ने की थी। कई जांच आयोगों ने इस मामले की जांच की है और किसी ने भी आरएसएस को दोषी नहीं ठहराया है। मेरे दादा रामदास गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को श्री गोडसे को मृत्युदंड से बचाने के लिए लिखा था — हमारा परिवार तब भी आगे बढ़ चुका था…लेकिन…आपकी जानकारी के लिए…जब रामदास गांधी मुंबई में मर रहे थे (1969), श्री नाथूराम गोडसे के छोटे भाई श्री गोपाल गोडसे उनसे मिलने आए थे। यह मुद्दा पूरी तरह से अतीत की बात है और मेरा परिवार आगे बढ़ चुका है….

….मेरा विनम्र सुझाव है — आप लोगों (कांग्रेस और आपको) आगे बढ़ना चाहिए और अपने स्वार्थ के लिए गांधी और इस मुद्दे का नाम लेना बंद कर देना चाहिए। विभिन्न आयोगों के फैसलों को स्वीकार करने की उदारता रखें।

यह कहते रहना कि आरएसएस ने गांधी को मारा, यह कहने जैसा है कि सिखों ने आपके पिता को मारा…जो कि झूठ होगा, है न? एक समुदाय के दो-चार लोग नहीं होते….

तो कृपया यह दिखावा बंद करें, गांधी नाम का यह अवसरवादी उपयोग बंद करें। आप गांधी परिवार से नहीं हैं। आपने भारत में बहुत से लोगों को बहुत लंबे समय तक मूर्ख बनाया है। अब इसे बंद करें।

मैं इसे सार्वजनिक डोमेन में डाल रहा हूँ क्योंकि गांधी परिवार से किसी को आपकी झूठी बातों का पर्दाफाश करना है।

आपका सादर,

श्रीकृष्ण कुलकर्णी”

हमें इस लेटर को लेकर मार्च 2014 में और भी कई खबरें मिलीं। सभी ख़बरों में यही बात कही गई थी और किसी में भी वायरल पोस्ट वाली विरासत को लेकर बात नहीं थी।

हमें यह ऑरिजिनल  लेटर श्रीकृष्ण कुलकर्णी के फेसबुक पेज पर भी 8 मार्च 2014 को मिला। यहां भी राहुल गांधी के धर्म या उनकी विरासत को लेकर कोई टिप्पणी  नहीं की गई थी।

असली पत्र और फर्जी पत्र में अंतर नीचे दिए गए कोलाज में देखा जा सकता है।

हमने इस विषय में पुष्टि के लिए महात्मा गाँधी के दुसरे परपोते तुषार गाँधी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि असली लेटर में वायरल पोस्ट जैसी कोई बात नहीं लिखी थी और यह लेटर पब्लिक डोमेन में है, जिसे कोई भी पढ़ सकता है और सच जान सकता है।

वायरल पोस्ट को “भाजपा लक्ष्य 2024 ( समर्थन के लिए जुड़े )” नाम के फेसबुक पेज ने शेयर किया था। इस पेज के लगभग 10 लाख फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल हो रहा पत्र कुलकर्णी का असली लेटर नहीं है। यह उसका एडिटेड वर्जन है। 8 मार्च 2014 को लिखे पत्र में कुलकर्णी ने राहुल गांधी के धर्म और विरासत को लेकर कोई कमेंट नहीं किया था।

  • Claim Review : महात्मा गांधी के परपोते ने राहुल गाँधी को लिखे एक ओपन लेटर में  राहुल गांधी के धर्म और उनकी विरासत को लेकर सवाल उठाए हैं।
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